(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सुशांत के पिता केके सिंह के वकील का खुलासा- हत्या को पहले अंजाम देकर खुदकुशी का मामला बनाया
दिवंगत अभिनेता के पिता केके सिंह के वकील ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान तमाम एहम सवाल के बारे में जानकारी दी. बातचीत के दौरान विकास सिंह ने इस केस को साजिशन हत्या बताया.
सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर पटना में दर्ज एफआईआर में अपना पक्ष रखने वाले दिवंगत अभिनेता के पिता केके सिंह के वकील ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान तमाम एहम सवाल के बारे में जानकारी दी. बातचीत के दौरान विकास सिंह ने इस केस को साजिशन हत्या बताया.
एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान वकील विकास सिंह ने कहा, ''ये एक बहुत एहम बात है कि सुशांत के गले में जो निशान आए हैं वह संदिग्ध है. मेरी एक डॉक्टर से बात हुई है उन्होंने कहा कि ये फोटो सच है तो इस केस को अंजाम देने के लिए साजिश रची गई थी.''
सुशांत सिंह राजपूत के पिता के वकील ने अभिनेता के फ्लैटमेट सिद्धार्थ पिठानी पर आरोप लगाया है.
विकास सिंह ने कहा, ''सुसाइड के बाद उन्होंने फोटो क्यों नहीं ली, जिस दौरान वह क्रेमेटोरियम में तस्वीर लेते नजर आए थे उन्होंने उनकी बॉडी उतारते वक्त किसी तरह की कोई तस्वीर क्यों नहीं ली? मुझे इस बात पर विश्वास है कि सीबीआई भी इस केस में सुराग की जांच करेगी और खुलासा करेगी, क्योंकि जिस तरह के एविडेंस वहां मिले हैं मेरे ख्याल से ये सुसाइड का मैटर कम और साजिशन हत्या का मामला ज्यादा लग रहा है.''
वकील विकास सिंह ने कहा, ''मेरे ख्याल से मौके की तस्वीर डॉ. गुप्ता (इस केम में फॉरेंसिक टीम को हेड करने वाले) के पास आएगी तो वह इस अंजाम पर जरूर आएंगे. क्योंकि सुशांत ये इमपॉसिबल है कि उन्होंने पलंग से जान दिया होगा, क्योंकि हमेशा इस तरह की सुसाइड केस में स्टूल की मदद ली जाती है. मुझे लगता है कि इस केस को पहले अंजाम देकर बाद में सुसाइड का केस बनाया गया, क्योंकि सुसाइड के टाइम का भी जिक्र पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं है.''
सिद्धार्थ पिठानी की मंशा पर आरोप लगाते हुए वकील विकास सिंह ने कहा, ''सुशांत की बहन रास्ते में थीं और 10 मिनट दूरी पर थीं, तो उनकी बॉडी को पहले ही क्यों उतार दिया गया. अगर सुशांत की मौत हरे कुर्ते से होती है तो उनकी गर्दन पर कुर्ते का निशान ठीक तरह से भी नहीं दिखाई दिए. इस केस में सीबीआई इस मामले की तह पर पहुंचे तो परिवार के लोगों को इंसाफ मिलेगा, नहीं तो मुंबई पुलिस ने मामले को संज्ञेय अपराध न मानते हुए मामले को रफा दफा कर दिया.''