Samantha Ruth Prabhu On Trolls: ट्रोल ने कहा- 'महिलाएं गिरने के लिए उड़ती हैं...', सामंथा ने अपने जवाब से कर दी बोलती बंद
Samantha Ruth Prabhu On Trolls: एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. एक्ट्रेस ने हाल ही में अपने जवाब से ट्रोल्स की बोलती बंद कर दी.
Samantha Ruth Prabhu On Trolls: एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु (Samantha Ruth Prabhu) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और बेबाकी से ट्रोल्स को जवाब भी देती हैं. हाल ही में सामंथा ने अपने जवाब से ट्रोल्स (Trolls) की बोलती बंद कर दी और उनका ये रिएक्शन सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहा है.
सोमवार को सामंथा ने एक फोटो पर रिएक्ट किया जो किसी एक यूजर ने शेयर की थी. ये तस्वीर चेन्नई के प्रसिद्ध थिएटर वेट्री की दीवारों पर लगे सभी फिल्म पोस्टरों की है जिसमें सभी फीमेल लीड्स नजर आ रही हैं.
एक यूजर ने लिखा, “क्रोमपेट में वेट्री थिएटर के पास से गुजरते हुए, मेरी बहन और मैंने महसूस किया कि इसमें महिला प्रधान वाली सभी फिल्मों के बैनर थे. तमिल सिनेमा कितना लंबा सफर तय कर चुका है! 10 साल पहले यह अकल्पनीय होता.”. दीपन का ट्वीट वायरल हो गया और सामंथा रुथ प्रभु सहित कुछ हाई-प्रोफाइल हस्तियों की प्रतिक्रियाएं आईं.
इस पर सामंथा ने लिखा, “महिलाएं उठ रही हैं !!” एक्ट्रेस के इस ट्वीट पर एक अन्य ट्विटर यूजर ने उनका जवाब देते हुए कहा, “हां. बस गिरने के लिए.'' इस पर समांथा ने ट्रोल को जवाब दिया, "वापस उठना इसे और अधिका मीठा बना देता है मेरे दोस्त.''
Getting back up makes it all the more sweeter my friend . https://t.co/UgdW7GC8EZ
— Samantha (@Samanthaprabhu2) January 2, 2023
वायरल तस्वीर में ऐश्वर्या राजेश (Aishwarya Rajesh) की ड्राइवर जमुना (Driver Jamuna), नयनतारा (Nayanthara) की कनेक्ट (Connect), तृषा (Trisha) की रंगी (Raangi) और कोवई सरला (Kovai Sarala) की सेम्बी (Sembi) के बोर्ड पर छाए हुए हैं. तस्वीर तमिल सिनेमा में महिला केंद्रित फिल्मों की बढ़ती संख्या की ओर इशारा करती है. अतीत में, एक महिला अभिनेता को एक फिल्म की टॉपलाइनिंग करना मुश्किल माना जाता था.
एक महिला केंद्रित फिल्म अब जोखिम नहीं बल्कि एक लाभदायक उपक्रम मानी जाती है. कनेक्ट के प्रमोशन में नयनतारा ने बदलते समय पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा, 'कई महिला केंद्रित फिल्में हैं. ऐसे कई निर्माता हैं जो ऐसी फिल्में बनाने के इच्छुक हैं. यह बदलाव अपने आप में अच्छा है. यदि पुरुष प्रधान वाली 15-20 फिल्में हैं, तो महिला प्रधान वाली लगभग 5 फिल्में हैं. महिलाएं बहुत अच्छी फिल्में कर रही हैं.'
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