मुंबई: पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में हुए हजारों करोड़ के घोटाले में महज आम लोग ही परेशान नहीं हैं, बल्कि, कुछ टीवी कलाकारों के लाखों रुपये की मेहनत की कमाई भी अटक गयी है. ऐसी ही अभिनेत्री का नाम है नुपूर अंलकार, जिन्होंने अपनी आपबीती एबीजी न्यूज़ के साथ साझा की.
फुलवा, घर की लक्ष्मी बेटियां, अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो, स्वरागिनी आदि सीरियल्स में काम कर चुकीं अभिनेत्री नुपूर अलंकार ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए बताया कि पीएमसी बैंक के घोटाले में उनके और उनके परिवार के साझा तौर पर तकरीबन एक करोड़ रुपये की राशि फंस गई है.
मुंबई के गोरगांव (पूर्व) इलाके में रहनेवाली नुपूर अलंकार ने बताया कि इस घोटाले के बाद आरबीआई द्वारा पैसे निकालने के लिए लागू की गयीं तमाम शर्तों ने उनका और उनके परिवार का जीना मुहाल कर दिया है. उन्होंने बताया कि ऐसे में घर के रोजाना का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है.
नुपूर का कहना है कि अब वो अपने दोस्तों और लोगों से पैसे मांग-मांगकर अपने घर का खर्च चला रही हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में कैसे उनके एक साथी कलाकार ने उन्हें 3000 रुपये देकर उनकी मदद की थी और एक अन्य दोस्त ने उन्हें 500 रुपये दिये थे. उन्होंने कहा कि जब से पीएमसी बैंक का घोटाला सामने आया है, तब से अब तक वो लोगों से तकरीबन 50,000 रुपये का कर्ज ले चुकीं हैं.
नुपूर ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि उन्हें चांदी के आभूषण पहनने का बहुत शौक है, मगर संकट की इस घड़ी में उन्होंने इनमें से कुछ गहने बेच दिये हैं ताकि वो रोजाना लगनेवाली जरूरी चीजें खरीद सकें. परेशान और हताश नुपूर सवाल करते हुए कहती हैं, "आखिर कब तक इस तरह से गुजारा चलेगा? आखिर जिंदगी ऐसे कैसे चलेगी?"
नुपूर ने बताया कि हाल ही में उनके परिवार के एक सदस्य को पास ही के एक प्राइवेट इलाज के लिए भर्ती कराना था, मगर अस्पताल ने बिना पैसों के ऐसा करने से इनकार कर दिया और उन्हें नर्स रखकर घर में इलाज की सलाह दी. नुपूर बताती हैं कि अब उन्हें उस नर्स के चंद हजार रुपये चुकाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
नुपूर ने बताया कि उनके और उनके परिवारवाले के कई खाते अन्य बैंकों में थे, मगर पीएमसी बैंक की सेवाएं देखकर उन सभी ने एक-एक कर सभी खाते बंद करा दिये और कुछ महीने पहले ही सभी पैसे पीएमसी बैंक में जमा करा दिये थे. नुपूर ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन उन्हें और उनके परिवार को ये दिन देखना पड़ेगा और इस तरह से उधार की जिंदगी जीनी पड़ेगी.