लेकिन इस मुहिम के चलते कई ऐसे मामले भी सामने आए जिनमें आपसी नाराजगी या मतभेदों के चलते पुरूषों पर शोषण के झूठे आरोप लगाए गए. ऐसे में कई पुरुषों को बदनामी और समाज में भी काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा. अब मीटू के जवाब में पुरुषों को लेकर भी मुहिम शुरू हो गई जिसमें पुरुष अपनी आपबीती और उन पर लगे झूठे आरोपों की कहानी बता रहे हैं.
क्या है #MenToo
सोशल मीडिया पर इन दिनों हैशटैग मेन टू ट्रेंड कर रहा है. इस हैशटैग का इस्तेमाल करके पुरुष अपने बुरे अनुभवों को साझा कर रहे हैं. इसके तहत पुरुष अपनी आपबीती बताते हुए खुलासा कर रहे हैं कि किस तरह मीटू के चलते या इससे इतर आपसी सहमति से बने संबंधों को जबरन रेप करार दे दिया गया...और इन झूठे आरोपों के चलते उन्हें समाज में घृणा की नजर से देखा जाने लगा. इतना ही नहीं झूठे आरोपों के चलते उन्हें कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी और कोर्ट से भी उन्हें बहुत ज्यादा सहायता नहीं मिल सकी. इतना ही नहीं इन आरोपों के चलते सिर्फ आरोप ही नहीं बल्कि उनके परिवार वालों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ा.
करण ओबेरॉय की हो रही चर्चा
इन दिनों मेनटू को लेकर एक्टर करण ओबेरॉय का मामला चर्चा में बना हुआ है. इसके तहत उनके समर्थन में कई सेलेब्स सामने आए हैं और उन्हें निर्दोष बताया है. हालांकि अभी मामला कोर्ट में है और हाल ही उन्हें एक महीने कस्टडी में रहने के बाद जमानत दी गई है. इस केस में अभी तक कई मोड़ सामने आ चुके हैं. ये भी सामने आया था कि पीड़िता ने स्वयं ही खुद पर हमला करवाने की झूठी साजिश रची थी.
एकट्रेस पूजा बेदी ने इस मामले को लेकर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि पुलिस को इसका जांच करनी चाहिए और सामने लाना चाहिए कि किस प्रकार झूठे आरोपों के चलते पुरुषों को परेशानियों का सामना कर पड़ता है.
क्या था मीटू मूवमेंट
मीटू मूवमेंट की शुरुआत यूं तो वेस्ट के देशों से हुई थी लेकिन धीरे-धीरे इसकी गूंज पूरे विश्व में सुनाई दी. भारत में इस मुहीम को तनुश्री दत्ता ने हवा दी जब उन्होंने बॉलीवुड के जानेमाने एक्टर नाना पाटेकर पर शोषण और बदलूकी के आरोप लगाए. इसके बाद कई जाने माने और इंडस्ट्री में खासा रुतबा रखने वाले लोगों के नाम सामने आए जिनमें साजिद खान, विकास बहल और आलोकनाथ जैसे नाम शामिल हैं.