बालाकोट में जैश के ठिकाने पर हमले के बाद पाकिस्तान ने भारतीय विज्ञापनों को किया बैन
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सबसे बड़े आतंकी शिविर पर मंगलवार तड़के भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हमले के बाद यह कदम उठाया गया है.
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने मंगलवार को अपने देश में भारतीय फिल्मों के साथ-साथ टीवी पर दिखाए जाने वाले 'मेड इन इंडिया' विज्ञापनों के बहिष्कार की घोषणा की. चौधरी ने ट्वीट किया, "सिनेमा एक्जिबिटर एसोसिएशन ने भारतीय कंटेंट का बहिष्कार किया है. इसके साथ पाकिस्तान में अब कोई भारतीय फिल्म रिलीज नहीं होगी. इसके अलावा पीईएमआरए को 'मेड इन इंडिया' विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है."
Cinema Exhibitors Association has boycotted #Indian content, no Indian Movie will be released in Pakistan. Also, have instructed PEMRA to act against Made in India Advertisements: Federal Minister for Information and Broadcasting, Chaudhry Fawad Hussain pic.twitter.com/LPBqKgBWOm
— Govt of Pakistan (@pid_gov) February 26, 2019
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सबसे बड़े आतंकी शिविर पर मंगलवार तड़के भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हमले के बाद यह कदम उठाया गया है.
उल्लेखनीय है कि पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर बदले की कार्रवाई करते हुए भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुस कर बालाकोट में स्थित आतंकियों के ठिकाने को तबाह कर दिया है. जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को नेस्तोनाबूत करने के बाद भारतीय वायु सेना सही सलामत वापस लौट आई. वायु सेना ने मिराज 2000 के इस्मेमाल से 1000 किलो के बम बरसाए जिससे जैश के कई ठिकाने तहस-नहस हो गए.
वायुसेना ने आतंकवादियों के कैंप पर कुल 21 मिनट तक सर्जिकल स्ट्राइक की. इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के कैंप तबाह हुए हैं. बड़ी जानकारी के मुताबिक कुल 250 से 300 आतंकी मारे गए हैं. मिराज फाइटर जेट्स की ग्वालियर स्थित दो स्कॉवड्रन को जिम्मेदारी सौंपी गईं. ये दोनों स्कॉवड्रन थीं--टाइगर (नबंर 1 स्कॉवड्रन) और (नंबर 7) बैटेल एक्सेस. इन दोनों स्कॉवड्रन के 6-6 फाइटर जेट्स ने इस मिशन में हिस्सा लिया. कुल मिलाकर 12 मिराज 2000 आई (यानि अपग्रेड) ने हिस्सा लिया. मिराज 2000 विमानों को भारत ने फ्रांस से 80 के दशक में खरीदे थे. वायुसेना में 'वज्र' के नाम से जाने वाले मिराज को फ्रांस की उसी दसॉल्ट कंपनी ने बनाया था जिसने राफेल जेट बनाया है.