साल 1987 में बनी रामानंद सागर की ऐतिहासित टीवी सीरीज रामायण में राम का किरदार अभिनेता अरुण गोविल ने निभाया था. छोटे पर्दे पर उनके अलावा कई कलाकरों ने राम का रोल निभाया लेकिन उनकी छवि जिस तरह दर्शकों के मन में बसी थी कि लोग उनकी छवि को भगवान राम की छवि मान कर पूजा करते नजर आ जाते.


अरुण गोविल ने अपने इस किरदार के अलावा 'इतनी सी बात' 'श्रद्धांजलि' 'जियो तो ऐसे जियो' 'सावन को आने दो' जैसी कई फिल्मों में भी काम किया है, मगर लोग उन्हें राम की छवि से अलग भुला ही नहीं पाते थे. इस वजह से उन्होंने एक्टिंग से कन्नी काट ली.


अपने करियर को लेकर अभिनेता एक मशहूर अखबार को दिए इंटरव्यू में बीते 14 सालों में कोई काम न करने को लेकर बयान दिया है. उन्होंने बताया कि शो के बाद उनके करियर एक ठहराव पर आ गया क्योंकि निर्माता उन्हें कमर्शियल फिल्मों के लिए सही नहीं मानते. 62 साल के अभिनेता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि पिछले 14 सालों से उन्होंने कुछ खास परफॉर्मेंस करने के अलावा कुछ नहीं किया है.


अरुण ने अखबार को बताया, "एक तरफ, रामायण शो ने मुझे बहुत प्यार और प्रशंसा अर्जित करने में मदद की, लेकिन दूसरी तरफ मेरा करियर एक ठहराव पर आ गया. मैंने अपने करियर पर पूर्ण विराम लगाने से पहले कुछ और सालों तक काम किया. पिछले 14 सालों से मैंने कुछ नहीं किया है, शायद कुछ खास परफॉर्मेंस देने के अलावा कुछ नहीं. मैंने पूरी तरह से एक्टिंग करनी नहीं छोड़ी है लेकिन मैं तभी कोई जो मेरे लिए बेहतर होगा."


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अपने करियर के बारे में बात करते हुए अरुण गोविल ने कहा कि राम की भूमिका निभाने के बाद जब भी उन्होंने बॉलीवुड में लौटने या कुछ अलग करने की कोशिश की, तो लोगों ने उन्हें अस्वीकार कर दिया.


अभिनेता ने कहा, "रामायण के बाद मैंने अपने करियर की शुरुआत एक हिंदी फिल्मी नायक के रूप में की थी. जब मैं बॉलीवुड में वापसी करना चाहता था, तो निर्माताओं ने कहा, 'राम के रूप में आपकी छवि इतनी मजबूत है, हम आपको किसी और के रूप में कास्ट नहीं कर सकते या आपको साइड रोल की भूमिका नहीं दे सकते.' उन्होंने महसूस किया कि मैं अब कमर्शियल फिल्मों के लिए उपयुक्त नहीं हूं."


अरुण गोविल ने कहा: "यह (रामायण) मेरे करियर का सबसे बड़ा शून्य बिंदु बन गया और मुझे अहसास हुआ कि मैं कभी भी उस तरह से शोबिज में काम नहीं कर सकता, जैसा मैं करना चाहता था. मैंने कुछ टीवी शो किए लेकिन जब भी मैंने कुछ किया, लोगों ने मुझे यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया, 'अरे! रामजी क्या करे हैं.''


रामायण के अलावा, अरुण गोविल ने कई हिंदी, भोजपुरी, उड़िया और तेलुगु फिल्मों में अभिनय किया है जैसे 'पहेली', 'जुदाई', 'एडू कोंडलास्वामी', 'बुक भारा भालोबाशा' और 'मुक्काबला'. उन्होंने कई टीवी शो में भी काम किया है, जिसमें 'सांझी', 'अंतराल', अंतरिक्ष और अहसास - कहानी एक घर की शामिल हैं.


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