इस साल के लिए पद्म श्री की घोषणा की गई है और अनुभवी टीवी अभिनेत्री सरिता जोशी को देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी सम्मानित किया गया है. सरिता जोशी, टीवी की दुनिया की एक चर्चित हस्ती हैं और लोकप्रिय थिएटर आर्टिस्ट भी हैं. उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में की और 1980 के दशक में 'तितलियां' सीरियल से टीवी पर अपनी शुरुआत की थी.
सरिता के फेसम टीवी सीरियल की बात करें तो 'हसरतीन', 'एक महल हो सपनो का', 'बा बहू और बेबी' जैसे शो से दर्शकों में अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रही हैं. 78 साल की अभिनेत्री 'गुरु' 'डरना ज़रूरी है', 'नज़र', 'सिंघम रिटर्न्स' और 'सिम्बा' जैसी फ़िल्मों में भी काम किया है. उन्हें 1988 में गुजराती में अभिनय के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद सरिता ने कहा, ''मैं इस सम्मान से बहुत खुश हूं. मैं कम उम्र से काम कर रहा हूं, मैंने कभी पुरस्कारों के लिए काम नहीं किया, मेरे लिए काम पूजा है. मैंने हमेशा दिल से काम किया है और जो कुछ भी मैंने किया है उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है. अब मैं पद्म श्री सरिता जोशी के रूप में जानी जाऊंगी, यह इतना बड़ा सम्मान है. मैं खुश हूं क्योंकि मेरे बच्चे खुश हैं.''