भाबी जी घर पर हैं: बेरोजगारी योजना का लाभ लेने के लिए तिवारी जी बने गरीब, विभूति ने लात मारी 70 हजार की नौकरी
'भाबी जी घर पर हैं' के लेटेस्ट एपिसोड में बेरोजगारी योजना की रकम लेने के लिए तिवारी जी गरीब बन गए और विभूति ने 70 हजार की नौकरी छोड़ दी.
'भाबी जी घर पर हैं' पिछले काफी सालों से लोगों का मनोरंजन करता आ रहा है. शो में अनीता भाभी का किरदार एक बार फिर से बदला जा चुका है. शो के बाकी किरदार विभूति नारायण यानी आशिफ शेख, तिवारी जी यानी रोहिताश्व गौड, 'अंगूरी भाभी' शुभांगी अत्रे कई सालों से लोगों का दिल जीतते आए हैं. यहां हम आपको 'भाबी जी घर पर हैं' के 20 अप्रैल के एपिसोड की लेटेस्ट अपडेट दे रहे हैं.
इस एपिसोड की शुरुआत होती है अम्माजी से. अम्माजी अंगूरी के घर जाती हैं और अंगूरी को नाश्ता बनाने के लिए कहती हैं. तभी वहां तिवारी जी अंगूरी और अम्माजी के पास जाकर उन्हें बेरोजगारी योजना के बारे में बताते हैं. अम्माजी कहती हैं कि विभूति जैसे बेरोजगार को इस योजना का लाभ मिलेगा. इस पर तिवारी जी कहते हैं अम्मा क्या आपको नहीं लगता कि ये लाभ हमें भी मिलना चाहिए. अगर हम कुछ समय के लिए भिखारी बन जाते हैं और आपने कुछ समय के लिए मेरी संपत्ति छीन ली है. इस पर अम्माजी बोलती हैं कि अब तुम इतना नीचे गिर गए हो. फिर तिवारी जी कहते हैं, 'कानपुर में हर अमीर आदमी ऐसा कर रहा है और मैं अपने भविष्य के बारे में सोच रहा हूं. अगर लोग अंडरवियर पहनना बंद कर दें तो क्या होगा. मैं सच कह रहा हूं, अगर हमारा कारोबार नीचे चला गया तो यह योजना बुरे समय में हमारी मदद करेगी.' इस पर अम्माजी जी मान जाती हैं.
अंगूरी रसोई में पुराने कपड़ों और पुराने बर्तनों में होती हैं. तिवारी अजीब कपड़ों में अंगूरी के पास जाते हैं और कहते हैं कि हम सब सच में गरीब दिखते हैं. अंगूरी कहती हैx कि मुझे यह सब पसंद नहीं है यह गलत है. तिवारी कहते हैं कि चिंता मत करो यह हमारे बच्चों के भविष्य के लिए है. अंगूरी पूछती हैं कि बच्चे कहां हैं.
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आदमी दर्द में मलखान के साथ बाहर चला जाता है. आदमी गुप्ता से पूछता है कि क्या यह कंपाउंडर नया है क्योंकि मैं कुत्ते की तरह महसूस करता हूं और भौंकने लगता हूं. मलखान ने उसे भगा दिया. गुप्ता ने मलखान से पूछा कि तुमने उसे क्या इंजेक्शन दिया. मलखान उसे इंजेक्शन दिखाता है. गुप्ता उस पर चिल्लाता है और कहता है कि यह रेबीज इंजेक्शन है और उसे अपने क्लिनिक से बाहर निकाल दें. मलखान ने उसे धन्यवाद दिया और चला गया.
उधर चतुर्वेदी तिवारी के घर जाते हैं और घर को देखकर कहते हैं कि यह बड़ा दिखता है कि तुम गरीब कैसे हो. अंगूरी उससे कहती हैं कि यह घर बड़ा दिखता है लेकिन हम इस एरिया में ही रहते हैं. चतुर्वेदी एक कुर्सी पर बैठते हैं जो गिरने वाली होती है. चतुर्वेदी कहते हैं इसे फेंक दो. तिवारी कहते हैं कि यह मेरे दादाजी की है, किसी अंग्रेज ने उन्हें दिया था. चतुर्वेदी पूछते हैं कि क्या आपके पास कुछ है. तिवारी कहते हैं हां काली चाय. अंगूरी कहती है कि हमारा पड़ोसी हमें बची हुई देता है. चतुर्वेदी कहते हैं कि कोई भी विश्वास नहीं करेगा कि आप इस तरह रहेंगे. तिवारी कहते हैं कि यह सब अम्माजी का है. चतुर्वेदी कहते हैं. तिवारी जी और अंगूरी बताते हैं कि दुकान से लेकर घर तक सब कुछ अम्माजी का है और हम उनके नौकर है. चतुर्वेदी कहते हैं आप चिंता मत कीजिए मैं आप लोगों का नाम योजना की लिस्ट में जरूर रखूंगा.
उधर अनीता के पास विनोद का फोन आता है और वो अपनी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए उसे सुनाता है. अनीता विभूति को बुलाकर पूछती है तो वो कहता है कि हां उसने ऐसा किया है. अनीता जब इसके पीछे का कारण पूछती है तो विभूति उसे 35 हजार की बेरोजगारी योजना के बारे में बताते हैं. अनीता गुस्से में लाल होकर बोलती है कि क्या तुम पागल हो तुमने 35 हजार के लिए 70 हजार की नौकरी छोड़ दी और गुस्से में वहां से चली जाती हैं.
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