पॉपुलर टीवी सीरियल 'भाभीजी घर पर हैं' में टीकाराम की भूमिका निभाकर घर-घर में मशहूर वैभव माथुर ने भी सफलता से पहले खूब पापड़ बेले हैं. इस शो तक पहुंचने के लिए वैभव को लंबा संघर्ष करना पड़ा तब जाकर उन्हें प्रसिद्धि हासिल हुई है.


मूलतः जयपुर के रहने वाले वैभव को बचपन से एक्टिंग का बेहद शौक था. वह स्कूल में टीचर्स की नकल उतारकर अपने दोस्तों का मनोरंजन किया करते थे. यहीं से उनके दोस्तों ने उनके टैलेंट को पहचाना और उन्हें फ़िल्मी दुनिया की ओर कदम बढ़ाने की सलाह दी. वैभव भी फ़िल्मी दुनिया में अपनी किस्मत आजमाना चाहते थे लेकिन परिवार उनकी इच्छा के खिलाफ था. परिवार के सदस्य नहीं चाहते थे कि वैभव एक्टिंग करें लेकिन वैभव ने चुपचाप थिएटर करना जारी रखा. 2004 में वैभव जयपुर से मुंबई आ गए और यहां स्ट्रगल करना शुरू किया.


सात हजार रुपए में फोर्टफोलियो बनवाकर वैभव ने कई प्रोडक्शन हाउस के चक्कर काटे. वहां लोग यह कहकर भगा देते थे कि तुम तो चौकीदार की तरह दिखते हो, कोई उन्हें नौकर, हलवाई और कांस्टेबल कह दिया करता था. काफी संघर्ष के बाद वैभव को डिटर्जेंट पाउडर टाइड का विज्ञापन मिला जिसके बाद उनकी किस्मत चमक गई.


इस विज्ञापन के निर्देशक बधाई हो जैसी फिल्म में काम कर चुके गजराज राव थे. इसके बाद वैभव को अमिताभ बच्चन के साथ एक विज्ञापन में काम करने का मौका मिला जिसमें वह उनके ड्राइवर बने थे. इसके बाद वैभव ने करियर में पीछे मुड़कर नहीं देखा और उन्हें कई विज्ञापनों में काम करने का मौका मिला और इस बीच उन्हें भाभीजी घर पर हैं शो मिल गया जिसने उन्हें मनचाही सफलता दिला दी.