एसीपी प्रद्युमन का असली नाम शिवाजी साटम है. लेकिन वे घर-घर एसीपी प्रद्युमन के नाम से ही पहचाने जाते हैं. हर उम्र के लोग उन्हें इसी नाम से जानते हैं. फिर चाहें बच्चे हों या फिर बुजूर्ग. खास बात ये हैं कि 21 अप्रैल को शिवाजी साटम का जन्म दिन होता है.


शिवाजी साटम ने अपने करियर में कई यादगार फिल्में भी की हैं जिनमें उनके अभिनय को खूब सराहा गया. 'वास्तव', 'गुलाम-ए- मुस्तफा', 'सूर्यवंशम' और 'नायक' उनकी कुछ ऐसी ही फिल्में है. लेकिन उनके द्वारा निभाए गए एसीपी प्रद्युमन के किरदार को सबसे अधिक लोकप्रियता हासिल हुई.शिवाजी साटम ने करीब 35 फिल्मों में अभिनय किया है. शिवाजी अभी भी एक्टिंग के क्षेत्र में पूरी एनर्जी के साथ सक्रिय हैं. वे इतने लोकप्रिय हो चुके हैं कि उनके नाम से जोक्स और मीम्स बनाए जाते हैं.


बैंक कैशियर से करियर की शुरूआत
शिवाजी साटम ने कभी नहीं सोचा था कि वे इस कदर लोकप्रिय अभिनेता बन जाएंगे. मुंबई में 1950 में जन्में शिवाजी साटम सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में कैशियर थे. एक बार बैंक इंटर स्टेज कंपीटिशन में उन्होंने एक नाटक में भाग लिया बस यहीं से उनकी जिंदगी बदल गई.


कितने पढ़े-लिखे है शिवाजी साटम
अभिनय में आने से पहले शिवाजी का पूरा ध्यान बैंक की नौकरी और उससे पहले अपनी पढ़ाई पर था. शिवाजी साटम पढ़ने में काफी होशियार माने जाते थे. उन्होंने फिजिक्स से ग्रेजुएट और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिप्लोमा भी किया हुआ है. अभिनय में सफल होने के पीछे शिवाजी आज भी अपने अच्छी पढ़ाई को मददगार मानते हैं. उनका मानना है कि अच्छी शिक्षा के बिना किसी भी क्षेत्र में करियर बनाने में मुश्किल आती है. इसलिए अच्छी शिक्षा बहुत जरुरी है.


रामायण के दशरथ ने बना दिया एक्टर
शिवाजी साटम को एक्टर बनाने में रामायण के दशरथ का बहुत योगदान रहा है. रामायण सीरियल में दशरथ बने बाल धुरी ने उनके अभिनय को क्षमता को पहचान बल्कि प्रेरित भी किया. बाल धुरी ने ही शिवाजी को पहला ब्रेक अपने म्यूजिकल ड्रामा 'संगीत वरद' में दिया था. 1988 में शविाजी ने पहली हिंदी फिल्म 'पेस्टोनजी' थी. शिवाजी हिंदी के अलावा मराठी और अंग्रेजी फिल्मों में भी काम कर चुके हैं.


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