रामायण की माता सीता दीपिका चिखालिया की कहानी, अब भी दिख जाएं तो लोग छूने लगते हैं पैर
आज भी दीपिका जब बाहर निकलती हैं घर से तो कई बार कुछ बुजुर्ग महिलाएं, कुछ बुजुर्ग आ जाते हैं और उनके चरण स्पर्श कर लेते हैं कि हम धन्य हुए माता सीता कि आपके दर्शन हो गए.
सीता माता का जिक्र जब भी होता है तो मन में चेहरा दीपिका चिखालिया का ही आता है.दीपिका का सीरियल रामायण में सीता बनने का किस्सा काफी दिलचस्प है. दीपिका रामानंद सागर के शो विक्रम बेताल में पहले से काम कर रही थीं. राजकुमारी का रोल किया करती थीं मुकुट वगैरह पहकर सेट पर घूमा करती थीं. विक्रम बेताल की शूटिंग रामानंद सागर के बंगले पर हुआ करती थी. एक दिन दीपिका चिखालिया वहां पहुंचीं तो उन्होंने देखा कि सेट पर काफी सारे छोटे छोटे बच्चे मौजूद हैं, दीपिका ने पूछा कि क्या रामानंद सागर की पत्नी ने कोई नर्सरी खोल ली है तो उन्हें बताया गया कि यहां लव कुश के लिए ऑडिशन चल रहा है.
दीपिका ने पूछा कि क्या राम और सीता का सेलेक्शन हो गया तो उन्हें बताया गया कि अभी नहीं हुआ. तो उन्होंने रामानंद सागर से कहा अगर मेरे लिए कोई रोल हो तो आप बताएं. रामानंद सागर ने एक दिन उन्हें फोन किया और बोला, “ओ कुड़िए सीता के रोल के लिए तू ऑडिशन देने आजा”.
दीपिका ने ऑडिशन दिया. कुछ दिन बाद उनसे फिर से कहा गया... ऑडिशन दे दो. फिर से दे दिया. कुछ दिन बाद फिर से कहा गया ऑडिशन दे दो. फिर से दे दिया. कुछ दिन बाद फिर से कहा गया ऑडिशन दे दो. अरे भई ऑडिशन पर ऑडिशन कई ऑडिशन हो गए .सेलेक्शन हो नहीं रहा था.तो दीपिका चिखालिया ने कहा कि देखिए मैं अब और ऑडिशन देने वाली हूं नहीं आपको रखना है तो रखो. नहीं तो आप किसी और को सीता माता का रोल दे दो.लेकिन रामानंद सागर ने फिर उन्हें कहा.देखो सीता तो तुम ही बनोगी और इस तरह से उन्होंने सीता के रोल के लिए दीपिका चिखालिया को फाइनल कर लिया
रामानंद सागर का कहना था कि सीता जो हैं ना वो सिर्फ ऐसा ना हो कि एक कैरेक्टर भर है. सीता वो हों कि उन्हें देखते ही...जैसे ही वो स्क्रीन पर आएं लोगों में एक भाव उमड़ जाए कि ये हैं माता सीता. तो इस तरह से दीपिका चिखालिया सीता बनीं.
दीपिका चिखालिया ने अपनी शुरुआत फिल्मों से की थी. उनकी पहली फिल्म का नाम था सुन मेरी लैला. राज किरन उनके हीरो थे. फिल्म ठीक ठाक चली. इसके बाद राजेश खन्ना के साथ उन्होने तीन फिल्में की- 'रुपए दस करोड़', 'घर का चिराग' और 'खुदाई'. उन्होंने साउथ के सुपरस्टार ममूटी के साथ भी एक मलायलम फिल्म की, कन्नड़ फिल्म की, गुजाराती फिल्म की और बंगाली फिल्म की.कई तरह की फिल्में की और उन्होंने करियर के शुरुआत दौर में ना कुछ बी ग्रेड की फिल्में भी की तब तक रामायण सीरियल उन्हें मिला नहीं था. जो भी काम मिल रहा था वो कर रही थीं और माता सीता के किरदार ने एक तरह से कह सकते हैं कि उनकी जिंदगी बदल दी.उसके बाद वो पूरी दुनिया के लिए माता सीता हो गईं.
रामायण के बाद उन्हें ज्यादातर धार्मिक सीरियल ही ऑफर होने लगे लेकिन वो चाहती नहीं थीं कि ज्यादा धार्मिक सीरियल वो करें लेकिन जो काम मिल रहा था वो किया भी. उनकी आखिरी फिल्म 'बेखुदी' थी.
बहुत से लोगों को ये पता नहीं होगा कि हमारी जो सीता माता हैं वो सांसद भी रह चुकी हैं. गुजरात के वडोदरा से व लोकसभा चुनाव जीती थीं बीजेपी के टिकट पर. संसद पहुंचीं लेकिन राजनीति भी उन्हें कुछ रास नहीं आई फिर उन्होंने ये सब छोड़ और शादी कर ली. दीपिका ने हेमंत टोपीवाल से शादी की जो एक बिजनेसमैन हैं.उनकी एक कॉस्मैटिक कंपनी है और शादी के बाद दीपिका चिखालिया दीपिका टोपीवाला बन गईं और अपने हसबैंड को ही उनके बिजनेस में असिस्ट करने लगीं. दीपिका अपने हसबैंड की कंपनी की मार्केटिंग का काम देखती हैं. सुबह ऑफिस जाती हैं. शाम को आकर बच्चों के साथ वक्त बिताती हैं. उनकी दो बेटियां हैं.
कहते हैं आज भी दीपिका जब बाहर निकलती हैं घर से तो कई बार कुछ बुजुर्ग महिलाएं, कुछ बुजुर्ग आ जाते हैं और उनके चरण स्पर्श कर लेते हैं कि हम धन्य हुए माता सीता कि आपके दर्शन हो गए.