बैंक में नौकरी से शुरू किया करियर, टीवी के 'दशरथ' ने दिया था पहला मौका , फिर ACP बन छाया ये एक्टर, पहचाना क्या?
Shivaji Satam Struggle Story: कई फिल्में की, कई टीवी शोज किए लेकिन एक टीवी सीरियल ने उन्हें ऐतिहासिक किरदार दे दिया. उनकी लोकप्रियता इतनी है कि लोग उन्हें कैरेक्टर नेम से ही बुलाते हैं.
हर किसी की जिंदगी में एक ऐसा मौका जरूर आता है जिसमें उसे खुद को साबित करना होता है. अगर उस मौके को सामने वाला समझकर उसमें खूब मेहनत करे तो वो मौका गोल्डन चांस बन जाता है. ऐसा ही मौका एक मराठी एक्टर को मिला जिसने फिल्मों में काम शुरू किया लेकिन उसे लोकप्रियता टीवी के एक सीरियल से मिली. उस किरदार में वो एक्टर कुछ ऐसा फेमस हुआ कि लोग उन्हें उसी ऑनस्क्रीन नाम से पुकारने लगे. उस एक्टर का नाम शिवाजी साटम है जो मराठी और हिंदी फिल्मों का जाना-माना चेहरा हैं.
शिवाजी साटम करीब 35 सालों से इंडस्ट्री में एक्टिव हैं और वो एक लोकप्रिय चेहरा हैं. शिवाजी का पॉपुलर शो 'सीआईडी' है जिसमें उन्होंने एसीपी प्रद्युमन का रोल प्ले किया. उनका यही किरदार यादगार बन गया. इस साल शिवाजी साटम अपना 74वां बर्थडे मना रहे हैं. इस मौके पर चलिए आपको इनके संघर्ष और सफलता की कहानी बताते हैं.
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शिवाजी साटम का फैमिली बैकग्राउंड
21 अप्रैल 1950 को महाराष्ट्र के देवगढ़ में जन्में शिवाजी साटम का जन्म एक हिंदू मराठी परिवार में हुआ. इनकी स्कूलिंग मुंबई के एक स्कूल से हुई. इसके बाद देवलली के एक बोर्डिंग स्कूल से उनकी आगे की पढ़ाई हुई. शिवाजी ने मुंबई के महर्षि दयानंद कॉलेज से केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया है. इसके बाद इन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट का डिप्लोमा किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआत से ही शिवाजी क्लियर थे कि उन्हें बैंक में नौकरी करनी है. लेकिन उनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था.
शिवाजी साटम का संघर्ष और पहली फिल्म
शिवाजी ने कई बैंक में अप्लाई किया तो सेंट्रल बैंक में कैशियर के पोस्ट पर नौकरी लग गई. कुछ साल इन्होंने वहां काम किया और उसके बाद शिवाजी बैंक के इंस्पेक्शन ऑफिसर बन गए थे. उसी दौरान इन्होंने थिएटर करना शुरू कर दिया था और इनका झुकाव मराठी फिल्मों की तरफ बढ़ा. इन्होंने साल 1975 में मराठी फिल्मों से एक्टिंग करियर की शुरुआत की और बैंक की नौकरी छोड़ दी.
बॉलीवुड में ली एंट्री
मराठी फिल्मों के बाद शिवाजी हिंदी फिल्मों की तरफ बढ़े लेकिन यहां का रास्ता आसान नहीं था. साल 1987 में आए 'रामायण' के दशरथ का रोल निभाने वाले एक्टर बाल धुरी ने शिवाजी को पहला मौका अपने म्यूजिक ड्रामा 'संगीत वरद' में बड़ा मौका दिया था. साल 1988 में आई फिल्म 'पेस्टोनजी' में पहली बार शिवाजी नजर आए थे जिसमें नसीरूद्दीन शाह और शबाना आजमी लीड रोल में थे.
शिवाजी साटम की फिल्में
शिवाजी साटम ने कई मराठी फिल्मों में काम किया है और वहां पर ये एक्टर काफी फेमस हैं. हिंदी सिनेमा में शिवाजी ने 'वास्तव: द रिएलिटी', 'हापूस', 'टेक्सी नंबर 9 दो 11', 'सूर्यवंशम', 'नायक', 'कुरुक्षेत्र', 'दाग द फायर', 'मुस्तफा', 'जिस देश में गंगा रहता है', 'हु तू-तू', 'गर्व', 'विनाशक', 'पुकार', 'वजूद', 'बागी', 'अंधा युग' जैसी तमाम फिल्मों में काम कर चुके हैं. टीवी पर शिवाजी ने 'रास्ते नाश्ते', 'आहट', 'अदालत' और 'सीआईडी' जैसे सीरियल में नजर आए हैं.
शिवाजी को 'सीआईडी' में कैसे मिला एसीपी का रोल?
शिवाजी साटम ने अपने करियर में कई रोल प्ले किए लेकिन 'सीआईडी' के 'एसीपी प्रद्युमन' जैसा कोई किरदार हिट नहीं हुआ. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब सीआईडी के एसीपी के रोल के लिए ऑडिशन हो रहे थे तब उन्होंने इस रोल को ऐसे निभाया कि एसीपी का रोल इन्हें मिल गया.
20 सालों तक बने रहे एसीपी प्रद्युमन
बाद में शिवाजी से पूछा गया कि उन्होंने ऐसा किरदार इतनी सफाई से कैसे निभाया? तब एक्टर ने बताया था कि बैंक में नौकरी के दौरान जब वो इंस्पेक्शन ऑफिसर थे तब पुलिस ने कई केस उन्हें सुलझाने को दिया और वही काम उन्होंने ऑडिशन में किया जो आइडिया काम कर गया. साल 1998 में सोनी टीवी पर शुरू हुआ 'सीआईडी' करीब 20 सालों तक टीवी पर आया और शिवाजी साटम हमेशा के लिए एसीपी प्रद्युमन के रोल से यादगार बन गए.
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