करण ओबेरॉय रेप मामले में आया सनसनीखेज मोड़, 'फरार' वकील ने पीड़िता को ही बताया खुद पर हमले का मास्टरमाइंड
करण ओबेरॉय पर रेप और ब्लैकमिंग का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने 25 मई की सुबह खुद पर हमला करवाया था और इसकी साजिश भी खुद ही रची थी.
मुम्बई: करण ओबेरॉय रेप मामले में अब एक और सनसनीखेज मोड़ आ गया है. करण ओबेरॉय पर रेप और ब्लैकमिंग का आरोप लगानेवाली पीड़िता ने 25 मई की सुबह खुद पर हमला करवाया था और इसकी साजिश भी खुद ही रची थी. ये दावा खुद पीड़िता के अब तक 'फरार' बताये जा रहे वकील अली काशिफ खान ने एबीपी न्यूज़ को सोमवार की देर रात दिये एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में किया.
इस हमले में कासिफ के चचेरे भाई अल्तमस अंसारी को 3 अन्य आरोपियों (जिशान अंसारी, जतिन संतोष, अराफत अहमद अली) के साथ ओशिवरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद से पीड़िता के वकील कासिफ पर भी इस हमले की साजिश में शामिल होने की आशंका जताई जा रही थी.
उल्लेखनीय है कि हमले के दो दिन बाद से 'फरार' बताये जा रहे कासिफ ने सोमवार की दोपहर को ओशिवरा पुलिस स्टेशन में जाकर सरेंडर कर दिया और उन्हें शाम को सशर्त जमानत भी मिल गयी.
गौरतलब है कि 25 मई को मॉर्निंग वॉक पर निकली पीड़िता पर दो बाइक सवारों ने हमला कर उन्हें घायल कर दिया था और वहां से भागते वक्त वो एक पर्ची भी छोड़ गये थे जिसपर करण ओबेरॉय के खिलाफ दायरे रेप का मुकदमा वापस लेने की बात लिखी थी. तहकीकात में इस हमले में एक साजिशकर्ता अल्तमस की बाइक के इस्तेमाल की बात भी सामने आयी है.
कासिफ ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि हमले के दिन यानि 25 मई को जब वो अस्पताल में पीड़िता और अपनी क्लाइंट से मिले तो हमले में घायल होने के बावजूद उनके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी जिसके चलते उन्हें बड़ा अजीब-सा लगा.
कासिफ ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में ये भी दावा किया कि उसी दिन पुलिस स्टेशन में एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें मौका-ए-वारदात की सीसीटीवी फुटेज दिखायी जिसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से पीड़िता ने खुद पर हमले के लिए अपना एक हाथ आगे बढ़ाया था जिसके बाद दो बाइक सवार में एक ने धारदार हथियार से उनपर प्रायोजित तरीके से हमला किया था और फिर दोनों वहां से भाग निकले थे.
कासिफ ने एबीपी न्यूज़ के सामने ये दावा भी किया कि खुद पीड़िता ने हमले के दिन पुलिस स्टेशन में अपनी मौजूदगी के दौरान अकेले में आकर उनके सामने खुद पर हमले की साजिश का खुलासा करते हुए इसमें अल्तमस की मदद लेने का भी जिक्र किया था. ऐसे में कासिफ ने जब उनसे इस हरकत के मकसद के बारे में पूछा तो उन्हें जवाब देते नहीं बन रहा था और वो घबरा सी गयी थीं.
कासिफ ने कहा उस वक्त उन्होंने ये तमाम बातें पुलिस को इसलिए नहीं बतायीं क्योंकि इस हमले में खुद उनके ही एक रिश्तेदार के भी शामिल होने की बात उन्हें पीड़िता के जरिए पता चली थी और इसीलिए वो उस वक्त चुप रहे.
एबीपी न्यूज़ ने जब कासिफ से पूछा कि आखिर खुद उनका चचेरा भाई अल्तमस अंसारी ही इस हमले में एक साजिशकर्ता है और वो पीड़िता के वकील हैं, तो ऐसे में वो खुद इस हमले से अनजान और बेकसूर होने का दावा कैसे कर सकते हैं? इसपर कासिफ ने कहा कि खुद उन्होंने ही पीड़िता को अपने चचेरे भाई से मिलाया था और मिलाने का मकसद पीड़िता के समर्थन में एक रैली का आयोजन करना था.
कासिफ बताते हैं कि रसूखदारों से अल्तमस के काफी अच्छे कनेक्शन हैं और इसी के चलते इस रैली के लिए उनसे मदद लेने के बारे में सोचा गया था. कासिफ बताते हैं कि हमले की एक रात पहले वो खुद, पीड़िता, अल्तमस और एकाध अन्य लोग इस रैली से संबंधित चर्चा के लिए साथ में थे, मगर वो 10 मिनट के लिए वो कमरे से बाहर गये तो पता नहीं अल्तमस और पीड़िता में क्या बातचीत हुई मगर जब वो लौटे तो उन्होंने देखा कि अल्तमस के तेवर कुछ बदले हुए और अजीब से थे.
उल्लेखनीय इसी मुलाकात की अगली सुबह पीड़िता पर हमला हुआ था. कासिफ का दावा है इस हमले में पीड़िता और अल्तमस की मिलीभगत है, मगर उन्हें हमले के इस पूरे प्लान के बारे में तनिक भी अंदाजा नहीं था. सोमवार को ओशिवरा पुलिस के सामने सरेंडर करने और शाम को जमानत मिलने के बाद कासिफ ने कहा कि
उन्होंने एबीपी न्यूज़ को विशेष तौर पर हमले के बारे में जो भी बातें बतायीं हैं, वो सारी बातें उन्होंने ओशिवरा पुलिस को समर्पण करने के बाद बेहद विस्तार से बता दी हैं. कासिफ ने कहा कि हमले की घटना के बाद फरार नहीं थे, बल्कि अपने निजी काम से कुछ दिनों के लिए बाहर गये थे और तीन फोन नंबरों में से एक नंबर (जो कि उनका वर्किंग नंबर है) बंद रखा था, जिसकी वजह से उनके 'फरार' होने की अफवाह फैली.