KBC Crorepati: कबाड़ी की दुकान पर कमाई थी 10 रुपये, KBC गए तो जीते 1 करोड़, अब इस हाल में हैं ताज मोहम्मद
KBC 7 First Crorepati: बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन के शो 'कौन बनेगा करोड़पति 7' के पहले करोड़पति कभी कबाड़ी की दुकान में काम किया करते थे और आज वह लग्जरी लाइफ जी रहे हैं.
Kaun Banega Crorepati 7 Winner Taj Mohammed Rangrez: कहते हैं ना मेहनत और लगन से कोई भी काम करो तो किस्मत बदलते देर नहीं लगती. ये दो चीज आपको सड़कों से उठाकर आसमान तक ले जाती हैं. कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश करते हैं राजस्थान के उदयपुर में रहने वाले ताज मोहम्मद रंगरेज (Taj Mohammed Rangrez). एक वक्त ऐसा था, जब वह कबाड़ी की दुकान में हर रोज 10 रुपये कमाते थे और आज वह 1 करोड़ रुपये के आलीशान घर के मालिक हैं. यही नहीं, उनके पास लग्जरी कार भी है.
उनकी ये किस्मत तब चमकी, जब उन्होंने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के सीजन 7 (Kaun Banega Crorepati 7) में 1 करोड़ रुपये जीते थे. केबीसी में 1 करोड़ रुपये जीतने के बाद मानो उनकी पूरी जिंदगी बदल गई. कच्चे मकान में रहकर स्ट्रगल करने वाले ताज के सिर पर वाकई आज ताज सजा हुआ है.
शराब और कबाड़ की दुकान पर काम किया
ताज मोहम्मद रंगरेज ने बताया कि, 1996 में पिता का निधन हो गया था, तब मैं उदयपुर जिले के कानोड़ तहसील में रहते थे. ऐसी स्थिति थी कि शाम की सब्जी तक नहीं बन पाती थी. घर की जिम्मेदारी उठाते हुए मैं शराब और कबाड़ की दुकान पर 10 रुपए रोज में काम करता था. फिर बहन ने पढ़ाया और आगे बढ़ाया. कौन बनेगा करोड़पति में जाने की इच्छा थी. वर्ष 2013 में जाने का मौका भी मिला. सीजन-7 का पहला कंटेस्टेंट था, जो करोड़पति बना.
साथ ही केबीसी के इतिहास में पहली बार हुआ कि, सिर्फ दो लाइफ लाइन का उपयोग किया था. 1 करोड़ जीतने के बाद गेम को छोड़ दिया था, क्योंकि 2 करोड़ रुपये के प्रश्न का उत्तर नहीं पता था. दो लाइफलाइन भी 25 लाख रुपये के प्रश्न पर आकर उपयोग में ली थी. 25 लाख रुपये का प्रश्न था कि, सबसे कम उम्र में नावेल पुरस्कार विजेता कौन थे? इसके लिए 50-50 और ऑडियंस पोल लाइफलाइन का उपयोग किया था.
जीत के बाद दो अनाथ बच्चियों की कराई शादी और बनाया घर
ताज मोहम्मद पेशे से सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं. उनकी बड़ी बहन ने उन्हें पढ़ाया और यहां तक पहुंचाया. वह 2003 में शिक्षा विभाग में आए, तब हिस्ट्री के लेक्चरर थे और वर्ष 2016 में प्रिंसिपल पद पर प्रमोट हुए. वह बताते हैं कि, केबीसी में जाने से पहले सोचा था कि केबीसी में पहुंचकर राशि जीतूंगा तो दो अनाथ बच्चियों की शादी कराऊंगा, जो कराई भी और खुद की बेटी के आंखों का ऑपरेशन कराया.
साथ ही 1 करोड़ रुपए की लागत में जिले के फतहनगर में घर बनाया और कार खरीदी. घर में मां, बहन (प्रिंसिपल), बेटी, पत्नी और मैं हूं. अब भी सोचता हूं कि, कभी कबाड़ी की दुकान पर काम करता था और अब आलीशान मकान में रहता हूं. सच है मेहनत करो तो सफलता जरूर मिलती है.
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