Karan Tacker On His Financial Crisis: समय का कोई भरोसा नहीं होता है. कभी समय अच्छा होता है तो कभी बुरा. टीवी एक्टर करण टैकर (Karan Tacker) आज भले ही टीवी और ओटीटी की दुनिया में एक जाना-माना नाम हैं, लेकिन एक वक्त था जब आर्थिक मंदी के चलते उनका अच्छा खासा बिजनेस डूब गया था और उनसे घर भी छिन गया था. हाल ही में, एक्टर ने पहली बार अपने फाइनेंशियल क्राइसिस के बारे में बात की है.


करण टैकर ने टीवी शो ‘लव ने मिला दी जोड़ी’ से टीवी में डेब्यू किया था. वह इससे पहले फिल्म ‘रब ने बना दी जोड़ी’ में भी नजर आए थे. उन्होंने बाद में ‘रंग बदलती ओढ़नी’, ‘एक हजारों में मेरी बहना है’ जैसे कई टीवी शोज में काम किया है. आज करण ने टीवी में ही नहीं बल्कि ‘बिहार चैप्टर’ (Bihar Chapter) के जरिए ओटीटी में भी अपना दबदबा बना लिया है. हालांकि, एक्टिंग में आने से पहले करण ने काफी मुश्किलों का सामना किया है.


संघर्ष के दिनों पर करण ने बयां किया दर्द


36 साल के करण टैकर का एक्टर बनने का कोई प्लान नहीं था. उनके अंदर हुनर था, लेकिन सपना नहीं. उन्होंने एक्टिंग करने से पहले अपने पिता के साथ बिजनेस में हाथ बटाने का फैसला किया था. उन्होंने ऐसा किया भी, लेकिन साल 2008 में एक हवा का झोका आई और करण से सब कुछ छीन लिया. आर्थिक मंदी के चलते करण का बिजनेस पूरी तरह ठप्प हो गया था. हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में करण ने पुराने दिनों को याद किया है.






मंदी की चपेट में आया था करण का बिजनेस


करण ने कहा, “मैं अपने पिताजी के साथ बिजनेस कर रहा था. 2008 में दुनिया मंदी की चपेट में आ गई और तभी मेरा बिजनेस भी ठप्प हो गया था. परिवार का गुजारा करने में काफी मुश्किलें होने लगीं. उस समय मैंने नौकरी की तलाश शुरू कर दी. जितना मैं पढ़ा था, उस समय मुझे 25 हजार रुपये मंथली सैलरी मिल रही थी, जो मंदी के दौरान हमारे व्यापार पर आए क़र्ज़ के लिए बहुत कम थी.”


करण को छोड़ना पड़ा था घर


करण ने बताया कि उन्हें अपने शेयर्स बेचने पड़े, वो भी घाटे में. एक्टर ने कहा, “मेरे पास कुछ कपड़े के स्टोर थे, जिन्हें मैंने बंद कर दिया. मुझे याद है कि मैंने अपना सारा स्टॉक छोड़ दिया था. बिक्री भी बंद कर दी थी, क्योंकि मेरे पास अपना स्टॉक रखने के लिए भी कोई जगह नहीं थी. मैंने अपना घर छोड़ दिया था. मैं ‘एक खरीदें 6 मुफ्त पाएं’ पर स्टॉक बेचता था.”






इस तरह बने एक्टर


करण ने बताया कि परिवार चलाने और कर्ज मिटाने के लिए वह हाई पेड जॉब की तलाश में जुट गए थे. मैंने एक एयरलाइन में पर्सर के रूप में आवेदन किया, जहां वे मंथली डेढ़ लाख रुपये का भुगतान करते थे. मुझे उस समय गुजारा करने के लिए पैसों की जरूरत थी. इस बीच मुझे फेस क्रीम ब्रांड का एड मिला, जिसने मुझे बहुत पैसा दिया. मुझे 12 साल पहले 22 दिनों के लिए 3 लाख रुपये मिले थे. तभी मैंने अपने पिता से कह दिया था कि मैं इसी फील्ड में काम करूंगा, क्योंकि यही हमें इस मुश्किल घड़ी से बाहर निकाल सकता है.”


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