नई दिल्ली: तीन महीने का लंबा सफर तय करने के बाद सनी हिंदुस्तानी का 'इंडियन आइडल 11' की ट्रॉफी उठाने का ख्वाब पूरा हो गया है. मूल रूप से पंजाब के बठिंडा रहने वाले और बेहद गरीब परिवार से आने वाले सनी हिंदुस्तानी के लिए इस मुकाम तक पहुंचना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन उनके सुरों की ताज़गी और संगीत के लिए उनकी दीवानगी ने उन्हें इंडियन आइडल सीज़न 11 का खिताब दिला दिया. इस सिंगिंग रिएलिटी शो को जीतने के बाद सनी ने अपनी मां के चेहरे पर आए मुस्कान की बात की. अपनी ज़िंदगी बदलने के लिए उन्होंने इंडियन का भी शुक्रिया अदा किया.


सुरों के सरताज कहला रहे सनी हिंदुस्तानी को इस खिताब को अपने हाथ में लेने से पहले बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. सनी बेहद कम उम्र से ही गायकी के नज़दीक आ गए थे. लेकिन घर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने कुछ वक्त तक जूते पॉलिश करने का भी काम किया था. 21 साल के सनी छठी कक्षा तक की ही पढ़ाई कर पाए.


 





एक इंटरव्यू में सनी ने इस बात का ज़िक्र किया कि उन्होंने कुछ वक्त के लिए पैसों की कमी के चलते जूते पॉलिश करने का काम भी किया. सनी ने बताया कि जब उनके पिता का निधन हुआ उस वक्त काफी कर्ज़ था. पिता की मौजूदगी में ही दो बहनों की शादी हुई थी. शादी के लिए कर्ज़ लिया था, लेकिन कर्ज़ अदा कर पाते उससे पहले ही पिता चल बसे.


सनी ने कहा कि ऐसे वक्त में उन्होंने अपनी मां की मदद करने की कोशिश की. संगीत और गायकी और पढ़ाई-लिखाई छोड़ वो जूते पॉलिश करने लगे. इससे वो 200 से 300 कमा लिया करते थे. लेकिन कुछ वक्त बाद उन्होंने अपनी मां से कहा कि वो इस काम को नहीं करेंगे और इंडियन आइडल की तैयारी करेंगे.






गाना कैसे शुरू किया ?
सनी ने बताया है कि उनके पिता घर पर मनोरंजन के लिए गाया करते थे. उन्हीं को देखकर सात साल की उम्र से ही सनी ने भी गाना शुरू कर दिया. सनी ने बताया कि वो किसी दरगाह पर जाते थे. वहां वो नुसरत फतेह अली खान का गाना सुनते थे. तभी से वो भी गाने लगे. सनी ने नुसरत फतेह अली खान को ही सुनसुन कर गाना सीखा. उन्होंने ये भी बताया कि गाने से पहली कमाई के तौर पर उन्हें 1500 रुपये मिले थे.


अब इंडियन आइडल जीतने पर उन्हें ट्रॉफी के साथ साथ 25 लाख रुपये का ईनाम भी मिला है. साथ ही एक गाने का भी कॉन्ट्रैक्ट उनके पास है. हालांकि सनी की आवाज़ का जादू ऐसा है कि बॉलीवुड में भी उनके कई फैन हैं.