Lalita Pawar: रामयाण सीरियल के किरदार आम जिंदगी में काफी चर्चित हैं. रामानंद सागर के मशहूर सीयिरल रामायण में ललिता पवार ने दुष्ट मंथरा का किरदार निभाया था. 'ललिता पवार', नफरत का पर्याय बन चुके इस नाम का दूसरा कोई उदाहरण खोजना मुश्किल है. रामायम में मंथरा का किरदार निभाने के अलावा एक क्रूर सास के चरित्र को इतनी प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत किया कि भारतीय महिलाओं ने हमेशा प्रार्थना की कि उनकी बेटियों को ललिता पवार जैसी सास नहीं मिले!


जब रामानंद सागर ने प्रतिष्ठित धारावाहिक 'रामायण' लॉन्च किया, तो उन्हें कैकेयी की नौकरानी की भूमिका निभाने के लिए ललिता जैसा उपयुक्त कोई नहीं मिला. एक बार फिर, युवा पीढ़ी को ललिता पवार के खलनायक प्रदर्शन की उत्कृष्टता को देखने का अवसर मिला. 1990 तक ललिता पवार ने विभिन्न भारतीय भाषाओं में 600 फिल्में कीं. 1990 में, ललिता को जबड़े के कैंसर का पता चला था. वह अपने इलाज के लिए पुणे शिफ्ट हो गईं. इस बीच, उन्होंने हत्यारे (1990), शिव तेरी महिमा न्यारी (1992) और मुस्कुराहाट (1992) जैसी कुछ फिल्में कीं.


उनकी निगेटिव कैरेक्टर को देखने के बाद लोग उनसे रिलय लाइफ में भी नफरत किया करते थे. 


गुनमानी में बीते ललिता पवार का आखिरी वक्त


24 फरवरी 1998 को जब वह घर में अकेली थीं, तब उसकी मृत्यु हो गई. यह एक विडंबना थी कि अद्भुत अभिनेत्री जो हमेशा लाइमलाइट में रहीं, एक बीमारी ने उन्हें सबसे दूर कर दिया. गुमनामी के हालात में उनका निधन हो गया. जब उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली तो दो दिनों तक किसी को खबर नहीं थी. 


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