Mahabharat: टीवी इंडस्ट्री में सुरेंद्र पाल ने अपनी खास पहचान बनाई है. एक्टर ने कई शोज से लेकर फिल्मों में भी दमदार एक्टिंग से दर्शकों का प्यार लुटा है. लेकिन सुरेंद्र पाल को फेम महाभारत में द्रोणाचार्य बनकर ही मिला. लेकिन क्या आप जानते हैं जब सुरेंद्र को द्रोणाचार्य का रोल मिला तो उन्होंने शुरूआत में इसे ठुकरा दिया था. जी हां दरअसल सुरेंद्र पाल इंडस्ट्री में हीरो बनने आए थे.


द्रोणाचार्य का रोल मिलने पर क्यों भड़क गए थे सुरेंद्र पाल?


सुरेंद्र पाल को जब पता चला कि महाभारत की कास्टिंग हो रही है तो वो वहां पहुंचे और कास्टिंग डायरेक्टर गूफी पेंटल ने बताया कि उन्हें महाभारत में द्रोणाचार्य का रोल दिया जा रहा है. इस पर सुरेंद्र पाल ने कहा कि, 'मैं यहां हीरो बनने आया हूं, हैंडसम हूं. मुझे लगा था मेरा करियर शुरू होने से पहले खत्म हो गया. हीरो बनने आया और बूढ़े का रोल मिल गया. तब मैं रोल रिजेक्ट करके जा रहा था.'






इस बारे में आगे बातचीत करते हुए सुरेंद्र पाल ने बताया कि, 'जब मैं द्रोणाचार्य के रोल को रिजेक्ट करके जाने लगा तभी मुझे बीआर चोपड़ा ने बुलाया. तो उन्होंने कहा कि मुझे मेरा द्रोणाचार्य मिल गया. तब मैंने कहा कि मैं बूढ़े का रोल नहीं कर सकता. मैं हीरो बनने आया हूं, इससे मेरा करियर खत्म हो जाएगा.'


'इसपर बीआर चोपड़ा ने कहा, 'क्या कहा तुमने? द्रोणाचार्य बूढ़ा इंसान था? जो सेना का जनरल था. वो 10 अर्जुन और 10 दुर्योधन और बना सकता था.' बीआर चोपड़ा मुझपर चिल्लाते रहे और आखिर उनकी बातें सुनकर मैं रोने लगा. गुरु द्रोणाचार्य की अहमियत बताते हुए उन्होंने मुझे इस रोल के लिए तैयार कर लिया और मैंने फिर वो किया.' बता दें कि सुरेंद्र पाल ने शक्तिमान में तमराज किलविश का रोल प्ले किया था जो काफी पॉपुलर हुआ था. 


 


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