The Family Man: देखने से पहले जानिए कैसी है मनोज बाजपेयी की सीरीज 'द फैमिली मैन'
Manoj Bajpayee Cast The Family Man Web Series Review: मनोज बाजपेयी सहित मल्टीस्टार वेब सीरिज 'द फैमिली मैन' अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो चुकी है. ये पूरी सीरीज देखने के लिए आपको करीब 10 घंटे देने होंगे. ये सीरिज कैसी है और इसमें कुछ खास है या नहीं, रिव्यू पढ़ें और जानें
वेब सीरिज- द फैमिली मैन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म- अमेजन प्राइम वीडियो स्टारकास्ट: मनोज बाजपेयी, प्रियामणि, शारीब हाशमी, नीरज माधव, शरद केलकर, गुल पनाग डायरेक्ट: राज और डीके रेटिंग: 3.5
The Family Man Web Series Review: हिंदी सिनेमा में आपने कई बड़े सितारों को Spy (जासूस) का किरदार निभाते देखा है. ये स्पाई देश बचाते हैं, आतंकवादियों को ठिकाने लगाते हैं, तालियां बटोरने वाले डायलॉग्स बोलते हैं और और वो जो कुछ भी करते हैं जिसे देखकर तो यही लगता है कि ये आम आदमी तो बिल्कुल भी नहीं हैं. लेकिन अब अमेजन प्राइम वीडियो पर एक वेब सीरिज 'द फैमिली मैन' रिलीज हुई है जिसमें एक स्पाई की ऐसी कहानी है दिखाई गई है जो असाधारण काम करता है लेकिन आम लोगों की तरह साधारण है.
'द फैमिली मैन' 10 एपिसोड वाली एक स्पाई एक्शन ड्रामा सीरिज है जो आखिर तक आपको बांधे रखती है. इसमें रोमांच है, एक्शन है, इमोशन है और सस्पेंस भी है.
नाम से ही जाहिर है कि ये स्पाई फैमिली मैन भी है. वो आम लोगों की तरह घर खरीदने की जुगाड़ में लगा रहता है, बच्चों को स्कूल छोड़ने जाता है और जरुरत पड़ने पर सैंडविच वगैरह भी बनाता है. बच्चों को लगता है कि उसके पापा सरकारी नौकरी करते हैं क्योंकि वहां आराम होता है. पत्नी भी इस बात से नाराज रहती है कि वो परिवार को ज्यादा समय नहीं दे पाता. इस स्पाई की जिदगी में वो सब कुछ घट रहा होता है जो रोज मर्रा आपके आस पास हो रहा होता है.
इस सीरिज की सबसे खास बात ये है कि ये इन दिनों देश में घट रही तमाम घटनाओं को पर बहुत ही चालाकी से कटाक्ष भी कर जाती है. हर एपिसोड से पहले इसमें ये लिखा आता है कि ये कहानी वास्तविक घटनाओं (Inspired from News Stories) से प्रेरित है. इसमें श्रीकांत के जरिए वही सब दिखाया गया है जो आप रोज खबरों में पढ़ते या देखते हैं. जैसे कि लोग ISIS क्यों ज्वाइन कर रहे? कॉलेज और यूनिवर्सिटिज में मुस्लिम छात्रों को कैसे निशाने पर लिया जाता है? सवाल करने वालों को कैसे एंटी-नेशनल करा दे दिया जाता है, कैसे गाय बचाने की आड़ में हिंदू संगठन मुस्लिमों को टारगेट बनाते हैं, वगैरह. अभी देश में कश्मीर और वहां के लोगों को लेकर बहस चल ही रही है. इसमें एक डायलॉग है- जितनी फिक्र कश्मीर की है उतनी कश्मीरियों की होती तो क्या बात होती. ऐसे गंभीर मुद्दों के बावजूद ये सीरिज भारी नहीं लगती. इसमें ह्यूमर भी है और कॉमेडी भी.
कहानी
इसमें स्पाई श्रीकांत तिवारी का किरदार मनोज बाजपेयी ने निभाया है. इसमें श्रीकांत को पता चलता है कि आतंकवादी 26/11 से भी बड़े हमले को अंजाम देने वाले हैं. उस हमले से कैसे श्रीकांत देश को बचाएगा यही कहानी है. ये कहानी मुंबई से होकर पाकिस्तान, ब्लूचिस्तान, सीरिया, कश्मीर और दिल्ली तक पहुंचती है.
इससे पहले अमेजन प्राइम पर हिंदी में दर्शक 'ब्रीद' और 'मिर्जापुर' देख चुके हैं. ये दोनों सीरिज बहुत पॉपुलर हुईं. वजह यही थी कि इनमें आम लोगों को टारगेट ऑडियंस रखा गया. भाषा से लेकर डायलॉग्स तक में रोज मर्रा की बातों का इस्तेमाल हुआ. फैमिली मैन में भी इसी पर फोकस रखा गया है. इसमें बहुत ही आसान तरीके से लोगों को ये समझाया गया है कि इंटिलिजेंस एजेंसी कैसे काम करती है.
मनोज बाजपेयी के साथ उनकी पत्नी सुचित्रा के किरदार में प्रियामणि हैं. सुचित्रा वर्किंग मॉम है. श्रीकांत के साथ-साथ उनकी कहानी भी चलती है जो आगे चलकर काफी दिलचस्प मोड़ लेती है. भागदौड़ वाली इस ज़िंदगी में रिश्ते कितने अहमियत रखते हैं और उनके आयाम कैसे बदलते हैं, ये सब कुछ बहुत ही खूबसूरती से ये सीरिज दिखाती है.
डायरेक्शन
इस सीरिज के डायरेक्टर राज और डीके (Raj Nidimoru and Krishna D.K.) हैं. इससे पहले ये जोड़ी स्त्री फिल्म बना चुकी है जिसे काफी पसंद किया है. इनके कहानी कहने का अपना स्टाइल है और यही इस सीरिज को खास बनाती है. सीरिज की कहानी मनोज बाजपेयी के किरदार को लेकर हैं लेकिन उस बीच कई सारी कहानियां जुड़ती जाती हैं.
डायरेक्शन के साथ इन्होंने सुमन कुमार और सुमित अरोरा के साथ मिलकर इसे लिखा भी है. इन्होंने बड़े मुद्दों के लिए भारी भरकम नहीं लिखा है. अपने किरदारों के जरिए उन्होंने PJ भी खूब मारे हैं जैसे 'हमारा श्री, श्रीनगर जा रहा है टाइप'..,
साथ ही इन्होंने लीड स्टारकास्ट के साथ-साथ हर किरदार को अहमियत दी है.
कुछ लूपहोल्स भी हैं. श्रीकांत के अलावा पाकिस्तान, ब्लूचिस्तान और सीरिया के जो सीन दिखाए गए हैं वो बहुत ही हल्के लगते हैं, लेकिन उन्हें नज़रअंदाज किया जा सकता है.
एक्टिंग
एक्टिंग में मनोज बाजपेयी हर रोज नया आयाम गढ़ रहे हैं. इसमें वो बहुत ही सहजता से अपना किरदार निभाते हैं और हीरो बन जाते हैं लेकिन फिल्मों वाले नहीं. श्रीकांत तिवारी उनसे बेहतर तो कोई नहीं कर सकता था. सुचित्रा के किरदार में प्रियामणि जमती है. उनकी एक्टिंग इतनी सरल है कि उनका किरदार घर के किसी सदस्य की तरह ही लगता है.
जेके तलपड़े के किरदर में शारीब हाशमी है. ये भी इंटेलिजेंस के लिए काम करते हैं. इससे पहले कई फिल्मों में शारीब नज़र आ चुके हैं लेकिन इस सीरिज में उन्होंने इतना बेहतरीन किया है कि हर कोई अब उनके बारे में जानना चाहेगा.
मूसा रहमान के किरदार में मलयाली एक्टर नीरज माधव कमाल के लगे हैं. शरद केलकर इंप्रेस करते हैं. काफी समय बाद गुलपनाग दिखी हैं और अच्छा किया है. हर किरदार ने इसे बेहतर बनाने में अपनी जान लगा दी है.
क्यों देखें
जासूस के किरदार पर बनी आपने कई फिल्में देखी होंगी लेकिन ये नई कहानी है और उसे एक नए अंदाज में पेश किया गया है. आपको हर किरदार कहीं ना कहीं जुड़ा हुआ लगेगा. इसे देखने के लिए आपको करीब 10 घंटे खर्च करने पड़ेंगे लेकिन ये बेकार नहीं जाएगा.