फिल्म निर्देशक साजिद खान को इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफटीडीए) ने मीटू मूवमेंट में लगे यौन शोषण के आरोपों पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. इससे पहले साजिद खान ने आईएफटीडीए के की तरफ से गठित इंटरनल कंप्लेन कमिटी के पास पेशी के लिए हामी भरी थी और वो इसके सामने एक नवंबर को पेश हुए थे. कमिटी के सामने पेश हुए साजिद खान ने अपने बचाव में कुछ नहीं कहा था.


साजिद खान ने कमिटी के पास स्वीकार किया था कि वो दोस्तों के साथ विनम्रता से पेश नहीं आते थे. उन्होंने यह भी कहा कि वो अभद्र भाषा का प्रयोग अपने दोस्तों के साथ किया करते थे जिसमें लड़के और लड़की दोनों शामिल थे. सेक्शुअल रिलेशनशिप के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनका लड़कियों के साथ रिश्ता रहा है लेकिन वो सहमति के आधार पर था.


आईएफटीडीए की तरफ से लिए गए इस फैसले के बारे में पीड़िता ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है. एसोसिएशन की तारीफ करते हुए पीड़िता ने लिखा, ''मुझे इस बाद की खुशी है कि आईएफटीडीए ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए अपने सदस्य के लगत रवैये के लिए यह कदम उठाया है. आशा करती हूं कि यह क्षणिक नहीं होगा.''


पीड़िता ने आगे लिखा, ''मैं यह चाहती हूं कि साजिद उन महिलाओं से अपने बर्ताव के लिए मांफी मांगे. मांफी मांगना कभी भी फाइनल आन्सर नहीं होता, लेकिन यह अपनी गलती स्वीकार करने का पहला कदम होता है.''


आपको बता दें कि साजिद खान पर मीटू मूवमेंट के दौरान अनेक महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे. इन आरोपों के बाद आईएफटीडीए ने एक कमिटी का गठन किया था जिसने इन आरोपों की जांच की. कमिटी में एडवोकेट मृणालिनी देशमुख और विभव कृष्णा, फिल्ममेकर सुरभि देवधर, भावना तलवार, अशोक पंडित, अशोक दूबे, नंदिनी सरकार जैसे लोग थे. इन लोगों ने साजिद खान के ऊपर लगे आरोपों की जांच की और पेश किए गए इसी रिपोर्ट के आधार पर साजिद खान को एक साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है.