'Sacred Games 2' में दिखा महिला किरदारों का दम, गायतोंडे से भी दमदार हैं ये 4 किरदार
सेक्रेड गेम्स के पहले सीजन के मुकबले दूसरे सीजन में एक या दो नहीं बल्कि कई मजबूत महिला किरदारों को अहम रोल दिए गए हैं. यदि आपने अभी तक ये सीरीज नहीं देखी है तो आप बिना किसी स्पॉयलर के इसकी 4 अहम महिला किरदारों के बारे में बता रहे हैं जिनके चलते आपको इसे बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहिए.
नेटफ्लिक्स ओरिजनल्स की मचअवेटेड वेब सीरीज 'सेक्रेड गेम्स 2' रिलीज कर दी गई है. इस वेब सीरीज को दर्शकों की ओर से मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. जहां कुछ दर्शकों को ये सीरीज बहुत पसंद आ रही है तो कुछ इसमें इस्तेमाल की गई अभद्र भाषा को लेकर इसे क्रिटिसाइज कर रहे हैं. हालांकि ये कहना गलत नहीं होगा कि पिछले सीजन के मुकाबले इस सीजन में कहानी को पहले से अधिक दमदार और रिलेवेंट बनाया गया है.
इस सीरीज की सबसे खास बात इसकी कास्टिंग है जो कि जबरदस्त है. सेक्रेड गेम्स के पहले सीजन में जहां महिलाओं को मात्र एक सेक्स का जरिया दिखाया गया था वहीं इस सीजन में एक या दो नहीं बल्कि कई मजबूत महिला किरदारों को अहम रोल दिए गए हैं. पहले की सीजन की बात करें तो उसमें गायतोंडे की गर्लफ्रेंड कुकु और उसकी पत्नी सुभद्रा को अहम किरदारों में दिखाया था. लेकिन इस सीजन में महिला किरदार ही कहानी को शुरू से लेकर अंत तक लेकर जाते हैं.
यदि आपने अभी तक ये सीरीज नहीं देखी है तो आप बिना किसी स्पॉयलर के इसकी 4 अहम महिला किरदारों के बारे में बता रहे हैं जिनके चलते आपको इसे बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहिए.
कान्ता बाई
सेक्रेड गेम्स के पहले सीजन में भी कांता बाई को एक अहम किरदार में दिखाया गया है. ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि बड़ा आदमी और भगवान बनने का सपना रखने वाले गायतोंडे को असल में कांता बाई ने ही गोपालमठ का रास्ता दिखाया था.
(Photo Credit: Netflix)गायतोंडे के जीरो से हीरो बनने और फिर हीरो से जीरो बनने तक कांता बाई ने उसका साथ दिया. वहीं गायतोंडे भी कांता बाई की काफी इज्जत करता था. इस सीरीज में दिखाया गया है कि क्राइम की दुनिया में किस तरह कांता बाई न सिर्फ डट कर खड़ी रहती है बल्कि दुनिया और समाज से लड़ती भी है.
कांता बाई भी गायतोंडे के गैंग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है. कांता बाई के इस किरदार में कई शेड्स दिखाए गए हैं. जहां एक तरफ वो गायतोंडे को एक बार फिर उठ खड़ा होने की बात कहती दिखती है तो वहीं दूसरी ओर ममता और प्यार से ग्रुप को जोड़कर भी रखती है.
जोजो
इस सीजन का ऐलान होने और ट्रेलर सामने आने के बाद से ही सबसे ज्यादा चर्चा जोजो के किरदार की हो रही है. कांता बाई की तरह जो जो का किरदार भी पहले सीजन में दिखाया गया है. हालांकि पहले सीजन में इसकी एक झलक मात्र दिखाई गई है. लेकिन इस सीजन में जो जो को एक सूत्रधार के रूप में दिखाया गया है.
(Photo Credit: Netflix)मुंबई में एक्ट्रेस बनने का सपना लेकर पहुंची जो जो जहां एक तरफ क्राइम की दुनिया में फंस जाती है. वहीं दूसरी ओर वो गायतोंडे के साथ उसके बुरे वक्त में खड़ी भी नजर आती है. हालांकि गायतोंडे ही जो जो को गोली क्यों मार देता है इसके जवाब के लिए आपको इसका दूसरा सीजन देखना होगा.
बात्या
'सेक्रेड गेम्स' के दूसरे सीजन में बात्या एक नया किरदार है. बात्या इसके पहले सीजन में नजर नहीं आईं थी लेकिन इस सीजन में वो एक अहम किरदार में नजर आती है. जैसा कि ट्रेलर में दिखाया गया है बात्या गुरूजी के आश्रम में है और उनकी शिष्या हैं. लेकिन इसका गायतोंडे से क्या कनेक्शन है और कैसे ये उसकी कहानी का एक अहम हिस्सा बनती है इसके लिए तो आपको इसका सीजन देखना होगा.
(Photo Credit: Netflix)बात्या का किरदार एक ऐसे स्ट्रॉन्ग महिला का है जो बचपन में जीवन के कई उतार चढ़ाव देखती है. इतना ही नहीं वो शोषण का शिकार होती है लेकिन वो हिम्मत नहीं हारती और दुनिया की आंखों में आंखे डाले खड़ी नजर आती है.
कुसुम देवी यादव
सेक्रेड गेम्स के पहले सीजन में जहां गायतोंडे के किरदार को सबसे अहम और ताकतपूर्ण दिखाया गया था. उसी तरह इस सीजन का सबसे मजबूत और अहम किरदार कुसुम देवी यादव है. कुसुम देवी यादव न सिर्फ गायतोंडे की जिदंगी बदल देती है बल्कि उसे अपनी मुट्ठी में भी कैद कर लेती है.
ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि इसके दूसरे सीजन का असली हीरो कुसुम यादव ही हैं. कुसुम यादव क्यों और कैसे गायतोंडे की जिंदगी में आती है इससे ज्यादा अहम ये कि अपराध की दुनिया में शांत और शालीन सी दिखने वाली कुसुम यादव किस तरह उसे अपनी मुट्ठी में कर लेती है.
(Photo Credit: Netflix)सेक्रेड गेम्स के दूसरे सीजन में कैरेक्टर्स को बेहद खूबसूरती से लिखा गया है साथ ही पर्दे पर उतारा गया है. हिंदी फिल्मों में इस प्रकार के स्ट्रॉन्ग किरदार महिलाओं के लिए कम ही लिखे जाते हैं. लेकिन सेक्रेड गेम्स ने एक नई शुरुआत की है जिसमें क्राइम की दुनिया को सिर्फ मर्दों की पहुंच और वर्चस्व तक सीमित नहीं रखा है.