(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Oppenheimer भगवद गीता विवाद पर अब बोले 'महाभारत' के 'श्रीकृष्ण', Nitish Bhardwaj ने फिल्म में नोलन के मैसेज को समझने की अपील की
Nitish Bhardwaj: महाभारत के श्रीकृष्ण यानी नीतीश भारद्वार ने 'ओपेनहाइमर' विवाद पर अपना रिएक्शन दिया है.एक्टर ने क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म का सपोर्ट किया है.
Nitish Bhardwaj On Oppenheimer Controversy: क्रिस्टोफर नोलन के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'ओपेनहाइमर' शुक्रवार को 'बार्बी' के साथ रिलीज हुई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर तो अच्छा परफॉर्म कर रही है लेकिन ये फिल्म विवादों में भी फंस गई है. दरअसल फिल्म में एक सीन है जहां सिलियन मर्फी स्टारर मेन लीड कैरेक्टर ओपेनहाइमर, फ्लोरेंस पुघ द्वारा निभाए गए किरदार जीन टैटलॉक से प्यार करते हुए भगवत गीता की एक पंक्ति कहता है.
फैक्ट ये है कि एक इंटीमेट सीन के रेफरेंस में भगवत गीता की एक पंक्ति का इस्तेमाल किया गया था, जिससे इंटरनेट पर नाराजगी फैल गई है. इंडियंस ने इस पर नाराजगी जताई है. कहा जा रहा है कि इसे लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भी इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. इस बीच महाभारत में श्रीकृष्ण का रोल कर फेमस हुए एक्टर नीतीश भारद्वाज ने भी इस पर रिएक्शन दिया है.
नीतीश भारद्वाज ने किया 'ओपेनहाइमर' का सपोर्ट
ईटाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश भाद्वाज ने कहा, "गीता मूल रूप से युद्ध के मैदान के बीच में कर्तव्य की भावना सिखाती है. हमारी लाइफ का स्ट्रग्ल भी मुख्य रूप से इमोशनल, युद्ध के मैदान हैं. श्लोक 11.32 में अर्जुन को एक योद्धा के रूप में अपना कर्तव्य निभाने के लिए भी कहा गया था, जो कि बुराई से लड़ना है. कृष्ण के पूरे श्लोक को ठीक से समझना चाहिए. वह कहते हैं कि मैं शाश्वत काल हूं जो हर चीज को मार डालूंगा; इसलिए हर कोई मर जाएगा भले ही आप उन्हें न मारें. इसलिए अपना कर्तव्य निभाएं."
ओपेनहाइमर को अपने अविष्कार पर था पछतावा
उन्होंने आगे बताया, "जब ओपेनहाइमर ने परमाणु बम बनाया और इसका इस्तेमाल जापान की ज्यादातर आबादी को मारने के लिए किया गया तो वह खुद सवाल कर रहे थे कि क्या उन्होंने अपना कर्तव्य ठीक से निभाया! उनके फेमस इंटरव्यू में उन्हें रोते हुए दिखाया गया था, जिसका मतलब है कि उन्हें शायद अपने आविष्कार पर पछतावा हुआ था. उन्होंने शायद देखा था कि उनका आविष्कार भविष्य में मानव जाति को नष्ट कर देगा और उन्हें शायद पछतावा था. फिल्म में इस वर्स के इस्तेमाल को ओपेनहाइमर के इमोशनल स्टेट से भी समझा जाना चाहिए. एक साइंटिस्ट अपनी क्रिएशन के बारे में 24x 7x365 दिन सोचता है, चाहे वह कुछ भी कर रहा हो. उसका माइंड स्पेस पूरी तरह से उसकी क्रिएशन में समा जाता है और फिजिकल एक्ट सिर्फ एक नेचुरल मैकेनिकल एक्ट है."
नीतिश ने नोलन के मैसेज को समझने की अपील की
नीतीश ने ऑडियंस से नोलन के मैसेज की सही व्याख्या करने की अपील की. उन्होंने कहा, "मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे ओपेनहाइमर की लाइफ के महत्वपूर्ण क्षणों के इस इमोशनल पहलू के बारे में सोचें. क्या वह सही साबित नहीं हुए हैं कि अब हम सभी विस्फोटक टेक्नीक का इस्तेमाल कर अपनी ही जाति को मारते हुए देखते हैं . आज स्थिति कुरूक्षेत्र जैसी ही है. यही वजह है कि ब्राह्मणों और क्षत्रियों ने जानबूझकर इसका प्रचार नहीं किया. युद्ध का वेद – धनुर्वेद. संयुक्त राष्ट्र को परमाणु निरस्त्रीकरण को गंभीरता से लागू करना चाहिए. नोलन का मैसेज जोरदार और क्लियर है."
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