टीवी के सबसे बड़े 'राम' अरुण गोविल को रामानंद सागर ने कर दिया था रिजेक्ट
अभिनेता के बारे में एक खास बात यह है कि 'राम' का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को निर्माता रामानंद सागर ने उन्हें पहले इस रोल के लिए रिजेक्ट कर दिया था.
रामानंद सागर की तरफ से बनाए गए टीवी सीरियल 'रामायण' में 'राम' का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल की कांग्रेस के टिकट से इंदौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा थी. मगर अभिनेता इन बातों को निराधार बताया है. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर को निराधार बताते हुए अभिनेता ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''मुझे नहीं पता कि अखबार ने ये खबर क्यों छापी है, इस खबर का आधार क्या है और ये खबर कहां से आई है?'' उन्होंने कहा कि अखबार की ये खबर पूरी तरह से गलत है.
कांग्रेसी हुए टीवी के सबसे बड़े 'राम', इंदौर से लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव
आइए एक नजर अरुण गोविल की जिंदगी पर डालते हैं.
कौन हैं अरुण गोविल उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1958 को हुआ था. अरुण गोविल अब बड़े और छोटे पर्दे दोनों से ही गायब हैं. उनकी एक टीवी प्रोडक्शन कंपनी है, जो दूरदर्शन चैनल के लिए कार्यक्रम बनाती है. अभिनेता के बारे में एक खास बात यह है कि 'राम' का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को निर्माता रामानंद सागर ने उन्हें पहले इस रोल के लिए रिजेक्ट कर दिया था. रामानंद सागर ने अरुण गोविल को सबसे पहले ‘विक्रम और बेताल’ सीरियल के लिए चुना था. अरुण को इस सीरियल में राजा विक्रमादित्य का किरदार मिला.
इंदौर से लोकसभा चुनाव लड़ने की खबर को अरुण गोविल ने बताया निराधार
‘विक्रम और बेताल’ सफलता के बाद साल 1987 में ‘रामायण’ में भगवान राम का रोल मिला. 'रामायण' को आज टीवी पर प्रसारित हुए करीब 30 साल हो गए हैं. गोविल बाहर निकलते हैं तो लोग उन्हें आज भी ‘राम’ के रूप में ही पहचानते हैं.
अरुण गोविल ने मेरठ से ही पढ़ाई भी की. कालेज में पढ़ने के दौरान ही वह एक्टर बनने की राह पर चल पड़े. सफर मेरठ से मुंबई तक पहुंचा. उनके पिता चाहते थे कि वह कोई सरकारी नौकरी करें. साल 1975 में मुंबई आने के बाद, उन्होंने पहले अपने भाई के बिजनेस में हाथ बंटाया, लेकिन फिर एक्टिंग की नैया चल पड़ी.
रामायण के अलावा अरुण ने ‘इतनी सी बात’ ‘श्रद्धांजलि’ ‘जियो तो ऐसे जियो’ ‘सावन को आने दो’ जैसी कई फिल्मों में भी काम किया है. बॉलीवुड के सिनेमाई पर्दे पर अरुण गोविल आखिरी बार 1997 में नजर आए थे. तब उनकी दो फिल्में रिलीज हुई थीं. ‘दो आंखें बारह हाथ’ और ‘लव कुश’, इनमें से ‘लव कुश’ में भी वह भगवान राम के किरदार में ही थे.
साल 2014 में अरुण गोविल ने भोजपुरी फिल्म ‘बाबुल प्यारे’ में भी काम किया था.