Ramanand Sagar Death Anniversary: लेजेंडरी प्रोड्यूसर-राइटर-डायरेक्टर रामानंद सागर किसी पहचान के मोहताज नहीं है. रामायण जैसा आइकॉनिक सीरियल बनाकर उन्होंने घर-घर में लोगों के दिलों में जगह बनाई. रामानंद सागर के शोज को फैंस काफी पसंद करते हैं. आज 12 दिसंबर को उनकी डेथ एनिवर्सरी है. ऐसे में आइए जानते हैं रामानंद सागर से जुड़ी बातें...
छोटे-मोटे काम करके किया गुजारा
रामानंद सागर का जन्म 29 दिसंबर, 1917 को हुआ था. रामानंद का पहले नाम चंद्रमौली था. फिर रामानंद सागर को उनके मामा ने गोद लिया था और वहीं उनका नाम चंद्रमौली से बदलकर रामानंद रखा गया. उनका बचपन बड़ी कठिनाइयों में बीता. मिड डे की खबर के मुताबिक, रामानंद ने जिंदगी में काफी स्ट्रगल देखा. उन्होंने चपरासी की नौकरी की. इसके अलावा उन्होंने ट्रक क्लीनर का भी काम किया और साबुन तक बेचा. वो दिन में काम करते थे और रात में पढ़ाई करते थे.
बता दें कि 16 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली बुक प्रीतम-प्रतीक्षा लिखा. उनकी लेखन में रुचि थी. इसके अलावा उन्होंने पत्रकारिता भी की. 1932 में उन्होंने क्लैपर बॉय के तौर पर फिल्म करियर शुरू किया. 1943 में पंजाबी फिल्म से एक्टर के तौर पर शुरू किया. इसके बाद उन्हें कई फिल्में लिखीं और डायरेक्ट की. 1964 में फिल्म जिंदगी से प्रोड्यूसर का सफर शुरू किया. उन्होंने सलमा, रोमांस, अरमान, प्रेम बंधन, गीत, आरजू, जिंदगी, पैगाम जैसी फिल्में की.
इन टीवी शो से जीता दिल
रामानंद सागर के टीवी के करियर पर नजर डालें तो 1985 में उन्होंने विक्रम और बेताल बनाया था. ये शो हिट रहा था. इसके बाद उन्होंने दादा दादी की कहानियां बनाया. 1987 में शो रामायण आया, जो आज भी लोगों के दिलों में खास जगह रखता है. रामानंद ने लव कुश, अलिफ लैला, श्रीकृष्णा, साई बाबा, संसारस चिंगारी, आकाश, आंगन, जय गंगा मैया जैसे कई शो से फैंस को एंटरटेन किया.
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