Arvind Trivedi: रामानंद सागर की रामायण रिलीज तो साल 1987 में हुई थी, लेकिन आज भी लोगों के दिलों में छाई हुई है. इस धार्मिक सीरियल को लोगों ने खासा पसंद किया था. इस सीरियल ने उस समय लोगों के दिलों में इतनी बेहतरीन जगह बनाई कि आज भी लोगों के दिलों में ताजा है. इसी को देखते हुए कोविड काल में फिर इस रामायण को दिखाया गया था. इस रिपीट टेलिकास्ट ने भी खूब टीआरपी बटोरी. इस रामायण में राम की भूमिका अरुण गोविल, सीता की दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण की सुनील लहरी ने निभाई थी. वहीं रावण का रोल प्ले करके अरविंद त्रिवेदी खूब चर्चाओं में आए. अरविंद त्रिवेदी ने इस सीरियल में जब रावण का रोल प्ले किया तो उस समय लोग असल में उनसे नफरत करने लगे थे.
हकीकत में लोग समझने लगे थे रावण
रामायण में सभी एक्टर्स ने अपने किरदारों को इतना बखूबी निभाया था कि उन्हें हकीकत में लोग वैसा ही समझने लगे थे. एक और इस सीरियल में राम और सीता का रोल करके अरुण गोविल और दीपिका को राम-सीता समझकर पूजा जाने लगा तो वहीं अरविंद त्रिवेदी को लोगों की नफरत का सामना करना पड़ा.
मंदिर में प्रवेश करने से रोका
एक बार अरविंद त्रिवेदी को लोगों के गुस्से का इस कदर सामना करना पड़ा कि उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया गया. अरविंद ने खुद अपने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था कि साल 1994 अरविंद त्रिवेदी अयोध्या के हनुमानगढ़ी में संकट मोचन के दर्शन करने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें मंदिर के अंदर जाने से वहां के पुजारी प्रमुख ने उन्हें रोक दिया. खबरों की माने तो पुजारी का ये मानना था कि टीवी सीरीज 'रामायण' में अरविंद ने कई बार प्रभु श्रीराम के लिए अपशब्द का इस्तेमाल कर उनका अपमान किया था. अरविंद ने पुजारी से खूब विनती की, लेकिन वो फिर भी नहीं माना. इसके बाद अरविंद त्रिवेदी को बिना दर्शन किए वहां से लौटना पड़ा था.
राम के थे परम भक्त
अरविंद त्रिवेदी की असल जिंदगी की बात की जाए तो वो भगवान राम के परम भक्त थे. वो रोज भगवान राम की पूजा किया करते थे. कहा जाता है उन्होंने अपने घर की दीवारों पर भी रामायण के दोहे और चौपाइयां लिखवाई हुई थीं.
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