मुंबई: एक महिला से रेप और उसे ब्लैकमेल करने के इल्जाम में एक महीने तक जेल में बंद रहने और बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत पाने वाले करण ओबेरॉय पहली बार सार्वजनिक तौर पर दिखाई दिए और एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए खुद पर लगे तमाम आरोपों को गलत बताया. करण ने जेल में बिताए दिनों को अपनी जिंदगी का सबसे बुरा अनुभव बताया.
उन्होंने लड़की द्वारा लगाये बार-बार पैसे मांगे जाने के आरोप को भी झूठा करार देते हुए खुद को आर्थिक रूप से बेहद सक्षम बताया. करण ने शिकायतकर्ता लड़की को आत्मकेंद्रित और जुनूनी किस्म की लड़की बताते हुए उनपर काला जादू के जरिए उन्हें और उनके परिवार को भी बार-बार परेशान करने जैसे संगीन इल्जाम लगाये. करण ने बातचीत के दौरान, बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा उन्हें दी गई जमानत के वक्त जारी की गई बेल ऑर्डर की कॉपी की मिसाल देते हुए खुद पीड़िता लड़की के खिलाफ पुलिस को जांच करने व उन्हें अरेस्ट करने के आदेश के बारे में विस्तार में बात की.
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इससे पहले, मुंबई के आजाद मैदान में पुरुष और महिलाओं के लिए समान अधिकार और कानून की मांग के समर्थन में आयोजित एक खास कार्यक्रम (#MenToo) के समर्थन में सार्वजनिक मंच पर खड़े होकर उन्होंने महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न व प्रताड़ना के झूठे इल्जामों में फंसाने जाने वाले असंख्य मर्दों के प्रति अपनी हमदर्दी जताते हुए अपनी आप-बीती सुनाई. उन्होंने कहा कि किसी को भी ऐसी तकलीफ से नहीं गुजरना चाहिए, जिसके तरह की तकलीफ से वो गुजरें हैं.
यहां देखें इंटरव्यू...
इस मौके पर करण ओबेरॉय की बहन बानी ओबेरॉय, अभिनेत्री और करण की बेहद करीबी दोस्त पूजा बेदी और 'बैंड ऑफ बॉयज' के कुछ सदस्य, जाना-मानी अदाकारा और सामाजिक कार्यकर्ता डॉली ठाकोर भी मौजूद थीं.
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पुरुषों और महिलाओं से जुड़े इस अभियान के मंच से पूजा बेदी ने महिलाओं की तर्ज पर पुरुषों के लिए भी पुरुष आयोग बनाने, झूठे इल्जाम लगाकर मर्दों को फंसाने वाली महिलाओं को सजा के प्रावधान और महिलाओं की तरह ही मर्दों की निजता समेत तमाम अधिकारों की रक्षा की मांग की.