Sacred Games 2 Review: अपने किरदार में धावक बन गए हैं सैफ, नवाजुद्दीन और पंकज त्रिपाठी के बीच फंसी भूत-वर्तमान की गुत्थी
लगभग आठ घंटे की सीरीज के मैराथन दौड़ की कहानी धार्मिक अंधेपन और आज के दौर की रहनुमाई के पेंच को सुलझाते हुए आपको बहुत कुछ सिखा जाएगी.
सेक्रेड गेम्स 2
कास्ट: सैफ अली खान, नवाजुद्दीन सिद्दीकी
निर्देशक: अनुराग कश्यप, नीरज घेवान
रेटिंग: 4/5
क्राइम थ्रिलर 'सेक्रेड गेम्स' में गणेश गायतोंडे (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) की कई अनसुलझे सवालों की गुत्थी और सरताज सिंह (सैफ अली खान) के पास मामले को सुलझाने और मुंबई को बचाने के लिए सिर्फ दो हफ्तों का बचा वक्त दर्शकों के मन में महीनों से बेकरारी का सबब बना हुआ था. 15 अगस्त की शुरुआत रात 12 बजे होती है, लोग उनींदी आखों से ही सही ये जानने के लिए जागे रहने की कोशिश में जरूर होंगे कि गणेश गायतोंडे के भाग्य और पहले सीजन में उसकी तबाह हो चुकी जिंदगी में तीसरे बाप (गुरुजी-पंकज त्रिपाठी) की क्या अहमियत थी?
बहरहाल, खुद को 'सर्व शक्तिशाली इकलौता भगवान' मानने का गणेश गायतोंडे का दंभ तब टूटता है जब उसे 'अहम् ब्रह्मास्मी' का मर्म पता चलता है. सीजन 2 के दूसरे एपिसोड में वो टर्न बड़ा ही रोचक लगता है जब तीसरे बाप (गुरुजी-पंकज त्रिपाठी) की बात को समझ कर गणेश गायतोंडे को एक अलग अहसास होता है. गायतोंडे की तरह समझें तो- हमें अपना हाजमा ठीक रखना चाहिए. हम पेट में, दिल में, मन में, खून में क्या-क्या 'जहर' डालते हैं उसका हिसाब रखना जरूरी है, नहीं तो कौन सा जहर कैंसर बन कर खतरनाक हो जाए, पता ही नहीं चलता है. क्योंकि हम सब अपने-अपने साथ अपना ब्रह्मांड लेकर चलते हैं.
प्लॉट सीरीज के दूसरे सीजन में भी पहले सीजन की ही तरह समानांतर दो कहानियां टाइम लाइम में चलती हैं. इन कहानियों में पूर्व-दीप्ति (फ्लैश बैक) का इस्तेमाल बहुत ही उम्दा तरीके से किया गया है. नरेटिव्स में गणेश गायतोंडे की आवाज- दो हफ्ते की सरताज सिंह के आरी-किनारी घूम रही कहानियों के साथ-साथ अपनी कहानी को बयान करती है. सीरीज के पहले सीजन के टाइमलाइन में गणेश गायतोंडे की कहानी 90 दशक में आकर रुक गई थी. इस सीजन उसी सिलसिले को आगे बढ़ाया गया है.
किरदार गणेश गायतोंडे, सरताज सिंह, माजिद, पारुलकर, त्रिवेदी, और गुरुजी के अवाला जो किरदार सीरीज में अहमियत रखते हैं उनमें से कुसुद देवी यादव का है जो एक एनआईए एजेंट है और केन्या में रहती है. कुसुम, गायतोंडे के बारे में अच्छी तरह से जानती है और इस बात से वाकिफ है कि गायतोंडे से कैसे काम लिया जाए. गायतोंडे, जिसे दूसरे के लिए काम करना बिल्कुल पसंद नहीं है, मगर वह कुसुम के सामने असहाय नजर आता है. कुसुम अपने देश के लिए यह सब कर रही होती है, जबकि गायतोंडे अपनी आजादी के लिए और ईसा से कुकु की मौत का बदला लेने के लिए. इसके लिए कुसुम एकमात्र सहारा है जो अपने कॉन्टैक्ट से गायतोंडे की मदद कर सकती है. यह दिलचस्प है कि गायतोंडे, कुसुम का इस्तेमाल करेगा या कुसुम, गायतोंडे का इस्तेमाल करेगी. इसे जानने के लिए आपको सीरीज देखनी चाहिए.
कहानी गणेश गायतोंडे की कहानी के सहारे 1992 के केन्या और बंबई और सरताज सिंह की 25 दिनों की अनसुलझी गुत्थी सुलझाने के दौरान आज की मुंबई में फिल्माए गए सीन्स अलग-अलग कहानियों की तत्कालीन परिस्थितयों को तैयार करते हैं. एक परिस्थिति से दूसरी परिस्थिति में जाने के लिए इस सीरीज में भी पिछले ही सीजन की ही तरह गणेश गायतोंडे के नरेटिव्स और फ्लैश-बैक का सहारा लिया गया है, जो कि कहानी को और रोचक बना देता है.
Sacred Games 2 first Impression: मछली के खेल में कट रही हैं गायतोंडे की जिंदगी
सेक्रेड गेम्स की कहानी एक बेहद उम्दा क्राइम थ्रिलर की स्क्रिप्ट का एक शानदार नमूना है. दोनों सीजन में कहानियों की 'वक्रोक्ति' यानी कहानियों के उतार-चढ़ाव की बात करें तो एक दर्शक के तौर अगले पल होने वाले सीन्स के बारे में होने वाला कौतुहल आपकी सांसे रोक सकता है. 25 दिनों की मुंबई कहानी के पैरेलल गायतोंडे की रहस्यमयी जिंदगी को सीरीज के 16 एपिसोड में बड़े ही रोचक बताया गया है.
एक्टिंग और संवाद तमाम किरदारों की बेहद सधी हुई और सीरीयस एक्टिंग में गणेश गायतोंडे के ठेठ डायलॉग डिलिवरी अपने आप में पिछले सीजन की तरह दूसरे सीजन में ही खुद से ही मुकाबला करती है, गालियों से भरे ज्यादातर डायलॉग्स इस पूरे सीरीज में गणेश गायतोंडे के किरदार के लिए लिखे गए हैं. क्राइम-थ्रिलर जैसी सीरियस सीरीज का जॉनरा होने के बावजूद गणेश गायतोंडे की मौजूदगी सीरीज में कॉमिक टच देती है. जिसका एक वक्त के अंतराल में किया गया फिल्मांकन काफी दिलचस्प लगता है.
25 दिन के कहानी में बचे दो हफ्ते, गणेश गायतोंडे के अनसुलझे सवाल और सरताज सिंह की जद्दोजहद देखने बाद आपको इस बात का अहसास जरूर होगा कि इसे अंतहीन कहानी के टाइमलाइन में ढाल दिया जाए और सीजन-दर-सीजन इस बेहद अनोखे क्राइम थ्रिलर की सीरीज बनती रहे. यदि एक दर्शक के दिलों में इस सीरीज के प्रति ऐसी इच्छाएं हों तो इसे वाकई अनुराग कश्यप और नीरज घेवान की सफल मेहनत करार दिया जाएगा.