अभिनेता शेखर सुमन को लगता है कि वह बॉलीवुड में और ज्यादा के हकदार थे. अभिनेता का कहना है कि अच्छे किरदारों की कमी ने उन्हें आश्चर्यचकित किया, लेकिन उन्होंने अपनी किस्मत को शिष्टता, गरिमा के साथ स्वीकार किया और उन्हें आशा है कि एक दिन यह बदलेगी.


शेखर ने बताया, "बतौर अभिनेता, मुझे लगता है कि मैं इससे ज्यादा का हकदार था, जो मुझे मिला. मुझे यह भी लगता है कि अभी एक लंबा रास्ता बाकी है. नए सिनेमा के आगमन और वेब सीरीज व अन्य सभी तरह के रास्ते खुलने के साथ मुझे वह मिलेगा, जो मुझे 10 से 15 साल पहले मिलना चाहिए था."


शेखर ने अपने करियर की शुरुआत 1980 के दशक में टीवी शो 'वाह जनाब' के साथ की थी. शेखर का चार्म समय के साथ शोबिज से धुंधलाता चला गया और वह अच्छे ऑफरों की कमी से हैरान हैं.


शेखर ने कहा, "निश्चित रूप से मैं हैरान हूं कि मेरी राह में अच्छे और बेहतर किरदार क्यों नहीं आए. मैंने 'उत्सव', 'अनुभव' जैसी फिल्मों और 'देख भाई देख' जैसे शो के साथ एक अभिनेता के रूप में खुद को स्थापित किया था."


शेखर 'लाइट्स, कैमरा, किस्से' के तीसरे सीजन के साथ छोटे पर्दे पर वापस आ गए हैं. इस शो में वह बॉलीवुड अभिनेताओं, गायकों, निर्माताओं और निर्देशकों की कहानियां बताते हैं और हिंदी सिनेमा के गुजरे दौर की झलक देते हैं. फिल्म प्रसारित होने से पहले प्रत्येक तीन मिनट का एपिसोड सोनी मैक्स 2 पर प्रसारित किया जाता है.


फिल्मों की बात करें, तो वह 'पत्थरबाज' नाम की एक फिल्म में काम कर रहे हैं. फिल्म कश्मीरी पथरबाजों के जीवन पर आधारित है.


उन्होंने कहा, "मैं अभी भी इसमें काम कर रहा हूं. उम्मीद है, दर्शकों को जल्द ही फिल्म देखने को मिलेगी."