नई दिल्ली : टीवी सीरियल 'भाबी जी घर पर हैं' की कलाकार रही शिल्पा शिंदे ने प्रोड्यूसर संजय कोहली पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. मुंबई के मलाड थाने में संजय कोहली के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है.


शिल्पा शिंदे ने पुलिस में दिए शिकायत पत्र में कहा है कि शूटिंग के सेट पर संजय कोहली वे आकर उनसे छेड़छाड करते थे. उनके शरीर पर हाथ लगाते थे और समझौता करने के लिए बोलते थे. और यह भी कहते थे कि अगर वो समझौता नहीं करेंगी तो उनका करियर बर्बाद कर देंगे.

शिल्पा शिंदे ने घटना के सालभर बाद शिकायत दर्ज कराई है. इसपर शिल्पा ने कहा है कि वो डरी हुई थीं. शिल्पा के मुताबिक 'भाबी जी घर पर हैं' की दूसरी महिला प्रोड्यूसर को उन्होंने छेड़छाड़ की पूरी जानकारी दी थी. लेकिन उसपर कभी संज्ञान नहीं लिया गया.

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बता दें कि शिल्पा शिंदे का प्रोड्यूसर संजय कोहली से विवाद चल रहा है. 'अंगूरी भाभी' के किरदार से शिल्पा शिंदे मशहूर हुई थीं. कल सुबह 11 बजे शिल्पा शिंदे मीडिया से मुखातिब होंगी और संजय के खिलाफ किए यौन उत्पीड़न के मामले पर विस्तार से अपना पक्ष रखेंगी.

एबीपी न्यूज़ संवाददाता रवि जैन ने इस संदर्भ में प्रतिक्रिया जानने के लिए जब संजय कोहली को फोन लगाया तो उनका फोन लगातार स्विच ऑफ आ रहा था, मगर संजय कोहली की प्रोडक्शन पार्टनर और उनकी पत्नी बेनाफर कोहली ने इस खबर की पुष्टी की.

हमसे एक्सक्लूसिव बात करते हुए बेनाफर ने शिल्पा द्वारा यौन उत्पीड़न का केस फाइल करने की नीयत पर ही सवाल उठा दिया. बेनाफर ने कहा, 'भाबीजी घर पर है? सीरियल का विवाद एक साल से भी ज्यादा पुराना हो चुका है, 'ऐसे में अब जाकर शिल्पा ने संजय के खिलाफ मामला क्यों दर्ज कराया है? अगर इस बात में किसी भी तरह की सच्चाई थी, तो शिल्पा को पहले ही शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी और उसी वक्त इस मामले में बात करनी चाहिए थी.'

उन्होंने आग बताया, 'शो को लेकर सालभर पहले हुए विवाद के बाद बाद यूं तो शिल्पा ने मीडिया को सैंकड़ों इंटरव्यू दिए होंगे, मगर इसी मुद्दे पर आखिर चुप्पी क्यों‌ साधे रखी ? वो इसलिए कि शिल्पा भी सच जानती हैं कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है. उनके इस कदम का मकसद कोई भी आसानी से समझ सकता है.'

बेनाफर ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए आगे कहा, "महिलाओं‌ को न्याय दिलाने के लिए कई तरह के कानून बनाए जाते हैं, मगर ऐसे फर्जी मामलों के चलते मुझे चिंता इस बात की होती है कि जिनके साथ सचमुच कुछ गलत होता है और जिन्हें सचमुच न्याय की जरूरत होती है, उनपर आगे कौन विश्वास करेगा ? उन्हें न्याय कैसे मिलेगा."