Smriti Irani Struggle: स्मृति ईरानी ने छोटे पर्दे से लेकर केंद्रीय मंत्री तक सफर तय किया है. उन्होंने एकता कपूर के शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में तुलसी का किरदार निभाकर लोगों का दिल जीत लिया था. हालांकि, स्मृति ईरानी का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था. करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने बतौर क्लीनर काम किया था. वह McDonald के एक आउटलेट में झाड़ू-पोछा का काम करती थीं और उन्हें इसके बदले में बहुत कम सैलरी मिलती थी.
पिता ने स्मृति ईरानी के सामने रखी ये शर्त
नीलेश मिश्रा के शो द स्लो इंटरव्यू में स्मृति ईरानी ने बताया, 'मिस इंडिया के लिए सेलेक्ट होने के बाद मुझे कॉम्पिटिशन में पार्टिसिपेट करने के लिए 1 लाख रुपये की जरुरत थी. मैंने अपने पिता से लोन के तौर पर पैसे लिए, लेकिन उन्होंने पैसे देने के साथ शर्त रख दी. पिता ने कहा कि तुम्हें इंटरेस्ट के साथ पैसे लौटाने होंगे और अगर नहीं लौटा पाई तो फिर मैं अपनी पसंद के लड़के के साथ तुम्हारी शादी कर दूंगा. मैंने उस शर्त को मान लिया.'
जैसे-तैसे पिता को लौटाए 60 हजार रुपये
स्मृति ईरानी ने बताया कि उन्हें पिता के पैसे लौटाने के लिए क्लीनर का काम करना पड़ा था. ब्यूटी पेजेंट से मिले गिफ्ट्स से उन्होंने पिता को 60,000 रुपये वापस कर दिए, लेकिन बाकी पैसों के लिए उन्हें नौकरी करनी पड़ी. स्मृति ईरानी ने कुछ विज्ञापन में काम किया, लेकिन उन्हें पैसों के लिए इनकम सोर्स की जरूरत थी.
स्मृति को करना पड़ा झाड़ू-पोछा का काम
एक्ट्रेस ने कहा, 'मैं McDonald’s गई तो वहां पर केवल केवल दो स्लॉट बचे थे. उन्होंने कहा कि ये फाउंडेशन जॉब है. जब मैंने पूछा कि ये कैसी जॉब है, तो उन्होंने कहा कि झाडू, पोछा और बर्तन का काम करना पड़ेगा. मैंने कहा ठीक है. इस काम के बदले मुझे 1500 रुपये मिले थे. जॉब जॉइन करने से पहले मैंने प्रमोशन प्रोसेस के बारे में पूछा तो हायर करने वाली महिला ने कहा कि पहले यहां एक महीने काम करो.'
ऐसे मिला था एकता कपूर का शो
स्मृति ईरानी ने बताया कि वह हफ्ते में छह दिन काम करती थीं और छुट्टी के दिन वह ऑडिशन के लिए जाती थीं. ऑडिशन के दौरान ही उन्हें पहला शो क्योंकि सास भी कभी बहू थी मिला था. इस तरह एकता कपूर के शो में तुलसी बनकर स्मृति ईरानी ने हर किसी के दिल में खास जगह बना ली थी.