अरुण गोविल के टीवी के भगवान बनने की कहानी, कैसे एक 'आम' से बने 'राम'
Arun Govil: टीवी शो रामायण में 'राम' का किरदार निभाने वाले अरुप गोविल कैसे बने टीवी के 'भगवान'? इसके पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है.
Arun Govil: रामानंद सागर की मशहूर सीरीज रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. उन्होंने टीवी शो में राम का किरदार निभाकर लोगों के जेहन में अपनी खास जगह बनाई. अरुण गोविल को टीवी का 'भगवान' भी कहा जाता है. उन्होंने 80 के दशक में टीवी पर अपनी शुरुआत की. पहले अरुण गोविल ने रामानंद सागर की सीरीज विक्रम और बेताल में काम किया था. इस शो में उन्होंने राजा विक्रमादित्य का करिदार निभाया था.
उनका सफर फिल्मों के जरिए शुरू हुआ और टीवी पर उन्हें खास दरजीद दी गई. उसके बाद उन्होंने कुछ और फिल्में भी कीं मगर 1987-88 के दौर में भगवान राम के रूप में उनके किरदार ने बहुत नाम कमाया. उनके रोल को भी खूब सराहा गया.
अरुण गोविल ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि जब ‘रामायण’ शुरू हुआ तो उन्हें कुछ अंदाजा नहीं था. मुंबई से दूर उमरगांव में शूटिंग होती थी. उस समय मोबाइल वगैरह नहीं थे. उन्हें कुछ समय तक तो ये अंदाजा ही नहीं था कि लोगों को ‘रामायण’ इतना पसंद आ रहा है.
सिगरेट पीने पर पड़ी थी डांट
इसके बाद जब उनको उस समय पीएम रहे राजीव गांधी ने दिल्ली बुलाया और स्वागत हुआ तो उन्हें पता चला कि उनकी फैन फॉलोइंग कितनी बढ़ चुकी है. अरुण गोविल ने उस समय के एक किस्से को बताया कि जब वह शूटिंग कर रहे थे, उस समय वह सिगरेट बहुत पीते थे.
उन्होंने बताया, "मैं एक कोने में जाकर परदे के पीछे कुर्सी डाल चुपचाप सिगरेट पी रहा था कि तभी कुछ लोग आकर दक्षिण भारतीय भाषा में जोर-जोर से चिल्लाने लगते हैं. फिर मैंने शूटिंग से जुड़े एक आदमी को बुलाया और कहा कि मुझे लग रहा है कि ये आदमी मुझे गाली दे रहे हैं, क्या आप बता सकते हैं कि ये लोग क्या कह रहे हैं. तभी वह कहता है कि आप सही कह रहे हैं कि ये लोग आपको गाली दे रहे हैं कि हम आपको भगवान समझते हैं और आप इस तरह के काम करते हैं'. इसके बाद अरुण गोविल ने ये भी बताया कि उस दिन के बाद उन्होंने कभी सिगरेट नहीं पी."
नहीं कराया मैगजीन के लिए फोटो
अरुण गोविल ने बताया कि रामायण के दौरान उनके पास पैसे कमाने के कई ऑफर आए थे. उन्हें कई मैगजीन्स ने ऑफर दिया था कि आप मैगजीन के कवर पर गिलास लेकर खड़े हो जाए, बेशक उसमें पानी ही हो, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. राम के रोल को एक जिम्मेदारी मानकर उन्होंने निर्वहन किया.