'इंडियन आइडल 11' के विजेता सनी का सफर काफी संघर्षो से भरा रहा है. पंजाब के बठिंडा में जूते पॉलिश करने वाले सनी को रियलिटी शो प्रतियोगिता जीतने के बाद बॉलीवुड में कई गाना गाने का अवसर मिला है. शो के दौरान उन्होंने ज्यादातर नुसरत फतेह अली खान के गानों का ही चयन किया, इसके अलावा वह खुद को उनका बहुत बड़ा प्रशंसक मानते हैं.


शो को जीतने के बाद सनी ने आईएएनएस से कहा, "एक चीज ने मुझे बहुत ज्यादा खुशी दी और वो यह थी कि मेरा नाम उन जैसे दिग्गज गायक के साथ जोड़ा गया. जबकि मैं इसके काबिल नहीं हूं. मैं उनकी तरह नहीं बन सकता, लेकिन मैं उनकी तरह नाम जरूर कमाना चाहता हूं. मैं उनका प्रशंसक नहीं, बल्कि 'भक्त' हूं."






वहीं उनसे पूछे जाने पर कि क्या वह किसी फिल्म के लिए उनके गाने को रीक्रिएट करेंगे? इस पर सनी ने कहा, "उनका लोकप्रिय गाना 'मेरे रश्क-ए-कमर' और 'सानू इक पल चैन न आवे' पहले ही रीक्रिएट हो चुके हैं. अगर मुझे कभी ऐसा मौका मिलता है तो मुझे गाना देखना होगा. मैं फिल्म की परिस्थिति देखूंगा और फिर गाने का चयन करूंगा."


आसान नहीं था यहां तक का सफर 


सुरों के सरताज कहला रहे सनी हिंदुस्तानी को इस खिताब को अपने हाथ में लेने से पहले बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. सनी बेहद कम उम्र से ही गायकी के नज़दीक आ गए थे. लेकिन घर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने कुछ वक्त तक जूते पॉलिश करने का भी काम किया था. 21 साल के सनी छठी कक्षा तक की ही पढ़ाई कर पाए.


सनी ने बताया है कि उनके पिता घर पर मनोरंजन के लिए गाया करते थे. उन्हीं को देखकर सात साल की उम्र से ही सनी ने भी गाना शुरू कर दिया. सनी ने बताया कि वो किसी दरगाह पर जाते थे. वहां वो नुसरत फतेह अली खान का गाना सुनते थे. तभी से वो भी गाने लगे. सनी ने नुसरत फतेह अली खान को ही सुनसुन कर गाना सीखा. उन्होंने ये भी बताया कि गाने से पहली कमाई के तौर पर उन्हें 1500 रुपये मिले थे.