अभिनेता स्वप्निल जोशी आजकल पौराणिक कथाओं पर आधारित कार्यक्रम 'उत्तर रामायण' और 'श्री कृष्णा' को पुन: प्रसारित किए जाने का आनंद ले रहे हैं, जिसमें वह एक बाल कलाकार के तौर पर थे, लेकिन उनका कहना है कि उनके बच्चों को इस बात पर यकीन ही नहीं आ रहा है कि वे अपने पिता को पर्दे पर देख रहे हैं. एक बाल कलाकार के तौर पर स्वप्निल ने सन 1989 में पौराणिक धारावाहिक 'लव कुश' के साथ टेलीविजन पर अपने करियर की शुरूआत की. इसके बाद वह साल 1993 में प्रसारित होने वाले 'श्री कृष्णा' में भी नजर आए.
अपने इन्हीं कार्यक्रमों को दोबारा देखने के बात पर वह कहते हैं, "लॉकडाउन का लोगों पर काफी बुरा प्रभाव है और हर किसी को सुकून की तलाश है. ऐसे में 'रामायण', 'महाभारत', 'श्री कृष्णा' जैसे कार्यक्रमों से बढ़कर कुछ भी अधिक सुकून नहीं दे सकता. इस दुनिया में कोई भी ऐसा नहीं है, जिन्हें भगवान राम और कृष्ण के बारे में पता नहीं है."
अपने पुराने कार्यक्रमों को देखकर उन्हें कैसा महसूस हो रहा है? इस पर अभिनेता ने कहा, "यह हर किसी के लिए अपने बचपन को दोबारा जीने का एक सुनहरा मौका है और मैं भी इससे परे नहीं हूं. मैं अपने बच्चों के साथ इनका आनंद ले रहा हूं."
अपने पिता को टीवी पर देखकर उनके बच्चों की क्या प्रतिक्रिया रही? इस पर स्वप्निल ने हंसते हुए कहा, "वे यह मानने से इंकार कर रहे हैं कि पर्दे पर मैं हूं. मैं उस वक्त कुछ नौ या दस साल का था."
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