लोकप्रिय टीवी शो में रामायण की शूटिंग की अनगिनत कहानियां हैं और ये सभी काफी दिलचस्प हैं. एक और किस्सा काफी मशहूर है जब एक कौवे ने रामायण के एक विशेष एपिसोड की शूटिंग की थी. यह ज्ञात हो कि जब भगवान शिव, भगवान राम की कहानी पार्वती को सुना रहे थे, कागभुशुंडि जी छिप कर पीछे बैठे थे और उन्होंने रामायण की सारी कथा सुनी. उन्होंने पक्षियों की सामान्य सभा में इस कहानी को सुनाया और इस तरह, यह संत तुलसीदास तक पहुंच गई. रामायण में एक छोटा-सा सीक्वेंस था कि एक बार दशरथ के महल में जब राम छोटे थे तो कागभुसुंडी वहां जा कर बाल राम के साथ खेला करते थे.
कागभुसुंडी जाकर बाल राम से रोटी छीन लिया करते थे. प्रेम सागर ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके पिता रामानंद सागर ने इस एपिसोड के बारे में सोचा था लेकिन वे समझ नहीं पा रहे थे कि इसे कैसे शूट किया जाए. वह उस समय उमरगांव में शूटिंग कर रहे थे. जगह थी वृंदावन स्टूडियो. इस स्थान पर कई पेड़ थे और शाम होते ही सभी कौवे चिल्लाना शुरू कर देते थे.
प्रेम सागर ने कहा, ''पिताजी ने एक पूरी यूनिट को काम करने के लिए रखा जो कौवा पकड़ता है, हमें सुबह की शूटिंग के लिए एक कौवा चाहिए. कौआ पकड़ना आसान नहीं था. सभी ने इस बारे में कई विचार दिए, लेकिन एक भी कौवा नहीं पकड़ा गया. दूसरी ओर, किसी तरह चार कौवों को रात के 12 बजे तक पकड़ा गया. रात में, वह सुरक्षा के कारण एक एल्यूमीनियम सीरीज से बंधा हुआ था. कौवे इन जंजीरों से खुद को छुड़ा कर उड़ने की कोशिश करने लगे और काफी शोर मचाया करते. शूटिंग सुबह 9 बजे शुरू होनी थी.''
प्रेम सागर के मुताबिक, पकड़े गए कौवों को सुबह देखा गया तो उनमें से तीन भाग गए थे, एक ही बचा था. अगले हफ्ते, इस एपिसोड को दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया. रामानंद सागर, जो परेशान नहीं थे मगर इस शूट को लेकर उस दिन कुछ तनाव में थे.
तभी अचानक उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई. शूट के लिए सब कुछ लाइट्स और कैमरा तैयार कर लिया गया था. बच्चे को रखा गया और फिर रामानंद सागर ने पूरे दिल से कहा, "कागभुशुंडि जी को बुलाओ." प्रेम सागर ने बताया कि कौआ इतना शोर मचा रहा था कि पूरा स्टूडियो उसकी आवाज से गुलजार था. इसके बाद रामानंद कौवे के पास गए और उसका आध्यात्मिक स्वागत किया. उन्होंने कहा, "हे कागभुशुंडि जी. मैं मुश्किल में हूं. मेरी मदद करें. हमें अगले सप्ताह इस एपिसोड को भेजना है. लाखों लोग देखेंगे."
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