उन्होंने बताया , “ जो फलक टेलीविजन मुहैया कराता है वह बड़ा होता है और फिल्में उससे भी बढ़िया या उसके बराबर हो सकती हैं. दोनों साथ-साथ चल सकते हैं और कोई भी किसी से कम नहीं है. यह एक आम धारणा है कि लोग टीवी पर कई सालों तक मेहनत इसलिए करते हैं ताकि एक दिन फिल्मों में काम मिल सके. यह गलत है. ”
दूबे ने कहा , “ मुझे लगता है कि आपको एक रचनात्मक व्यक्ति के तौर पर आगे बढ़ते रहना चाहिए और आपको फिल्म का प्रस्ताव आता है तो स्वीकार करें और अगर नहीं आता तो ऐसे व्यक्ति के तौर पर उभरें जो सम्मानित हो. ” दूबे फिलहाल स्टार प्लस पर एक क्विज कार्यक्रम “ सबसे स्मार्ट कौन ” होस्ट कर रहे हैं.