दिग्गज निर्देशक यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित फिल्म दिलवाले दुल्हिया ले जाएंगे कल यानी 20 अक्टूबर को 25 साल पूरे कर लेगी. इस फिल्म में शाहरुख खान और काजोल ने मुख्य भूमिका निभाई थी. इस फिल्म को दर्शकों का काफी प्यार मिला और ये सिलसिला लगातार कायम भी है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अपनी रिलीज के बाद से ही ये फिल्म लगातार मराठा मंदिर थियेटर में शो होती आ रही थी, मगर कोरोना वायरस के फैले संक्रमण के चलते एहतियातन सिनेमा हॉल बंद करने पड़े.


मराठा मंदिर थियेटर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मनोज देसाई का कहना है, '''दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' मुम्बई के मराठा मंदिर थियेटर में‌ 24 साल से भी ज्यादा समय तक (1274 हफ्ते) तक चली. अगर महामारी की वजह से मार्च महीने में थिएटर बंद नहीं होते यह फिल्म मराठा मंदिर में रिलीज के 25 साल पूरे कर लेती.''


किसी एक‌ थिएटर में सबसे ज्यादा लम्बे समय तक चलनेवाली फिल्म का रिकॉर्ड पहले अशोक कुमार की 1943 में रिलीज़ हुई फिल्म 'किस्मत' के नाम रहा. 'किस्मत' कलकत्ता के रॉक्सी थिएटर में लगातार 187 हफ्ते तक दिखाई गयी थी. किस्मत का यह रिकॉर्ड 32 सालों तक चला जिसे ब्लॉकबस्टर फिल्म 'शोले' ने तोड़ा. शोले मुम्बई के मिनर्वा थिएटर में लगातार 5 साल से ज्यादा समय तक दिखाई गयी थी. 'शोले' के 20 साल बाद रिलीज हुई 'दिलवाले दुल्हनिया' ले जाएंगे लगातार 24 सालों से मराठा मंदिर थिएटर में दिखाई जा रही थी कि महामारी ने इसके रिकॉर्ड-तोड़ सफर पर रोक लगा दी.


DDLJ में शानदार कॉस्टयूम डिजाइनिंग के जरिए भारत में फैशन और पॉप कल्चर को नया रूप देने वाले फैशन डिजाइनर, मनीष मल्होत्रा कहते हैं, ''DDLJ के कॉस्ट्यूम रियल होने के बावजूद किसी सुंदर सपने की तरह और काफी एस्पिरेशनल थे, और हमारी यह कोशिश रंग लाई!''


फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा ने आदित्य चोपड़ा के डायरेक्शन में बनी फ़िल्म, 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' में अपने हुनर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. उन्होंने इस फ़िल्म में अपने कॉस्ट्यूम्स और स्टाइलिंग से भारत और भारतीयों का दिल जीत लिया, और उनकी कड़ी मेहनत ने DDLJ को अब तक की सबसे फैशनेबल फिल्मों में से एक बना दिया.


कल, शाहरुख़ ख़ान और काजोल स्टारर फ़िल्म, 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' (लोग प्यार से इसे DDLJ भी कहते हैं) को 25 साल पूरे हो जाएंगे. इस मौके पर, मनीष ने DDLJ के बारे में अपने दिल की बात बताई. उन्होंने कहा, ''फिल्म के कॉस्टूय, जिसने आने वाले समय में कॉस्टयूम डिजाइन को हर फ़िल्म की क्रिएटिव रोड-मैप का हिस्सा बना दिया. DDLJ में किरदारों के लुक्स को आईकॉनिक माना जाता है. वे भारत की पॉप कल्चर का हिस्सा बन चुके हैं.''


मनीष ने कहा, ''किसी भी फ़िल्म के लिए, स्क्रिप्ट उसका सबसे अहम हिस्सा होता है. इससे डायरेक्टर के नैरेटिव और उसके विज़न का पता चलता है. यह फ़िल्म और इसके सभी किरदार बिल्कुल रिफ्रेशिंग थे, इसलिए मेरे पास कुछ नया और अनोखा करने का एक सुनहरा मौका था. फ़िल्म में काम शुरू करते समय, मैंने मन में यह ठान लिया था कि मैं कुछ ऐसा करूंगा जो दूसरों से अलग हो, और मैं कैरेक्टर्स को ऐसा लुक देना चाहता था, जिसकी छवि लोगों के दिलों में हमेशा बरक़रार रहे. जब आदि ने मुझे DDLJ स्क्रिप्ट सुनाया, तब हम खुशी से झूम उठे. यशराज और यश चोपड़ा जी का फैन होने के नाते, मेरे लिए तो यह सपने के सच होने जैसा ही था. आदि की सोच पूरी तरह स्पष्ट थी कि वह काजोल को बिल्कुल रियल और थोड़ा क्लेवर लुक देना चाहते थे, और मेरे ख्याल से DDLJ के कॉस्ट्यूम में यह तालमेल बड़ी अच्छी तरह दिखाई देता है, जो पूरी तरह रिलेटेबल होने के बावजूद बिल्कुल नए और खास थे. यही वजह है कि आज भी भारतीय सिनेमा में इस फ़िल्म के कैरेक्टर्स की छाप बरक़रार है. फ़िल्म के कॉस्ट्यूम रियल होने के बावजूद किसी सुंदर सपने की तरह और काफी एस्पिरेशनल थे, जिसमें स्टाइल की झलक दिखाई देती थी और हमारी यह कोशिश रंग लाई!''