अपनी स्ट्रगल लाइफ में 14 घंटे पैदल चलकर पैसे बचाता था ये एक्टर, लाखों की नौकरी छोड़ एक्टिंग में बनाया करियर
सानंद वर्मा ने 50 लाख की नौकरी को छोड़ कर एक्टिग की दुनिया में अपने करियर को बनाने के लिए उठाया था ये कदम. ऑडिशन के लिए भटके थे दर-दर.
अनोखे लाल सक्सेना यानी सानंद वर्मा आज घर-घर में जाना-माना नाम बन चुके हैं. पॉप्युलर टीवी शो 'भाबीजी घर पर हैं' ने उन्हें लोकप्रियता के जिस मुकाम पर पहुंचाया है, उसके बारे में उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. आज वह टीवी के पॉप्युलर स्टार्स में से एक हैं. सानंद वर्मा का 'सक्सेना' का किरदार आज इतना पॉप्युलर हो चुका है कि लोग अब उन्हें इस नाम से ज्यादा जानते हैं.
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एक इंटरव्यू के दौरान सानंद वर्मा बताया था कि एक्टर बनने के लिए उन्होंने बड़ी MNC कंपनी में अपनी 50 लाख की नौकरी छोड़ दी थी. एक्टर बनने का सपना बचपन से ही था. वह एक किसान परिवार से थे. घर का खर्च चलाने के लिए मात्र 8 साल की उम्र से ही उन्होंने काम करना शुरू कर दिया था. इसके साथ ही किताबें भी बेचते थे. इस सबके अलावा उन्होंने खर्च चलाने के लिए मात्र 12 साल की उम्र में ट्यूशन भी दी, लेकिन एक्टर बनने के सपने को वो जिंदा रखे और एक दिन मुंबई चले आए. यहीं पर वो एक कंपनी में नौकरी करने लगे.
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सानंद के मुताबिक नौकरी से वे साल के 50 लाख कमाते थे लेकिन एक बार उन्होंने सेफ जोन को त्यागते हुए नौकरी छोड़ दी और ऑडिशन के लिए दर-दर भटकने लगे. नौकरी से जो पैसे कमाए थे उन पैसों से वे अपने घर की ईएमआई भर दी और फिर एक वक्त ऐसा आया कि उनके पास ट्रांस्पोर्ट में चलने के भी पैसे नहीं बचे. फिर उन्होंने 14 घंटे पैदल चलकर प्रोडक्शन हाउस के चक्कर लगाते. थकावट के कारण ऑडिशन भी ठीक से नहीं दे पाते थे, लेकिन मेहनत रंग लाई और छोटे-मोटे ऐड में काम मिलने लगे. आज सक्सेना एक दिन में शो से 30 हजार रुपए कमाते हैं.
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आपको बता दें, सानंद वर्मा ने सुशांत सिंह राजपूत के साथ फिल्म 'छिछोर' में काम किया था. वहीं कई दिनों पहले सुशांत की सुसाइड वाली थ्योरी को लेकर सानंद कहते हैं कि 'मुझे नहीं लगता है कि वो सुसाइड कर सकते हैं. वो एक फाइटर थे. जो छोटी सी जगह से निकलकर बड़े सपनों के साथ आए थे. उन्होंने अपनी जिंदगी में शानदार प्रदर्शन किया.