महमूद वो कलाकार हैं जो जब भी वो स्क्रिन पर आते तो दुखी से दुखी मन भी खुश हो जाता है. पेट पकड़-पकड़ के लोग हंसा करते थे. भारतीय सिनेमा के ऐसे कॉमेडियन जिसमें जब चहा हंसाया और जब चाहा रुलाया. हम बात कर रहे है महमूद अली खान की. जिन्हेें उनकी कॉमेडी के लिए आज भी याद किया जाता है. हिन्दी फिल्मों में हास्य कलाकार के तौर पर किए गए अदभुत अभिनय के लिए वो जाने और सराहे जाते हैं. तीन दशक लम्बे चले उनके करीयर में उन्होने 300 से ज़्यादा हिन्दी फिल्मों में काम किया.



महमूद अली अपने ज़माने के मशहूर अभिनेता थे, जिन्हें किंग ऑफ़ कॉमेडी का ख़िताब दिया गया. उनकी यादगार फ़िल्मों में कुछ हैं भूत बंगला, पड़ोसन, बॉम्बे टू गोवा, गुमनाम, कुंवारा बाप. उन्होंने लगभग सभी अभिनेता और अभिनेत्रियों के साथ काम किया. उसी में से एक फिल्म है 'कुवारा बाप' जो उनकी असल जिंदगी पर बनी है. उनकी सबसे यादगार फिल्म थी कुंवारा बाप. ऐसा कहा जाता है कि इस फिल्म की कहानी उनकी असल जिंदगी पर आधारित थी. इस फिल्म में महमूद ने एक गरीब रिक्शे वाले का रोल अदा किया और पोलियो से ग्रस्त उनके 15 साल के बेटे का रोल उनके खुद के तीसरे नंबर बेटे मकदूम अली ने किया था.



आपको बता दें उन्हें असल में पोलियो हो गया था. फिर उनके पिता महमूद मकदूम को विदेश ले गए. मकदूम का बहुत इलाज करवाया लेकिन वह वैसे ही रहे. फिल्म में उन्होंने इसी कहानी को अपने अंदाज में दिखाया. महमूद इस फिल्म के जरिए ये दिखाना चाहते थे कि अमीर आदमी होने के बाद भी इतने पैसे लगाकर अपने अजीज़ बेटे का इलाज करवाने में लगा है. उस गरीब बाप का क्या हाल होता होगा जिसके पास पैसे भी नहीं हैं।


राजेश खन्ना को जडा एक थप्पड़


फिल्म जनता हलवदार में महमूद ने अपनी फिल्म के लिए राजेश खन्ना को लिया. महमूद अपने फार्म हाउस में फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. वहां एक दिन महमूद का एक बेटा राजेश से मिला और सीधे दुआ-सलाम करके निकल गया. राजेश इससे नाराज हो गए कि सिर्फ हैलो क्यों बोला?



फिर उसके बाद सेट पर लेट आने लगे. शूटिंग में दिक्कत आने लगी रोज महमूद को घंटों इंतजार करना पड़ रहा था. महमूद डायरेक्टर भी थे और एक्टर भी ऐसे में एक दिन महमूद ने सबके सामने राजेश खन्ना को थप्पड़ लगा दिया. बोले, आप सुपरस्टार होंगे अपने घर के, मैंने फिल्म के लिए आपको पूरा पैसा दिया है और आपको फिल्म पूरी करनी ही पड़ेगी.