90 के दशक के कई मशहूर संगीतकार हुए, जिन्होंने अपने गानों से करोड़ों दिलों पर छाप छोड़ी. बॉलीवुड में अब तक कई संगीतकारों की जोड़ी मशहूर हुई लेकिन नदीम-श्रवण की जोड़ी कुछ खास थी. आज इसी जोड़ी के बारे में बात करते हैं. श्रवण के पिता भी एक संगीतकार थे, इसी वजह से बचपन से ही उन्हें संगीत का शौक लग गया था. कॉलेज के दिनों में श्रवण की मुलाकात नदीम से हुई. दरअसल, श्रवण को किसी कॉलेज के समारोह में बतौर गेस्ट बुलाया गया था, वहां नदीम स्टेज पर म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट संभाल रहे थे.


श्रवण ने बाद में उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की. उस वक्त नदीम भी बतौर संगीतकार स्ट्रगल ही कर रहे थे. वहां दोनों पहली बार मिले और यहीं से शुरू हो गई संगीत की आशिकी. दोनों ने फिल्म 'सड़क', 'आशिकी', 'बरसात', 'दीवाना', 'धड़कन', 'अंदाज़', 'हम हैं राही प्यार के', 'गुमनाम' जैसी कई फिल्मों में संगीत दिया और अपना नाम सुपरहिट संगीतकारों की जोड़ी की लिस्ट में दर्ज करवाया.


नदीम-श्रवण की जोड़ी ने 125 से ज्यादा फिल्मों में अपने संगीत का जादू चलाया, लेकिन गुलशन कुमार हत्याकांड में नदीम सैफी का नाम आने की वजह से उन्हें अपनी गिरफ्तारी का डर सताने लगा और वो भारत छोड़कर लंदन चले गए. उसके बाद नदीम सैफी कभी वापस नहीं आए और ये लाजवाब जोड़ी टूट गई. बाद में नदीम ने ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त कर ली. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नदीम अब दुबई में इत्र का बिजनेस करते हैं.


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