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The Serpent Review: चार्ल्स नहीं था डॉन, लेकिन दुनिया के सारे मुल्कों की पुलिस थी उसके पीछे, देखिए सचाई

यह अंतरराष्ट्रीय सीरियल किलर चार्ल्स सोभराज की कहानी है. जिन्हें अपराध कथाओं में मजा आता है, द सरपेंट उन्हें कुर्सी से चिपकाए रखेगी. मगर अन्य दर्शक भी सोभराज के क्रूर-कारनामों से चौंक जाएंगे. चार्ल्स के अपराध और उसकी चालाकी बीते पांच-छह दशकों में मिथकों की तरह चर्चित रही हैं. यहां आप सचाई देख सकते हैं.

The Serpent Review: नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई वेबसीरीज द सरपेंट में अलेन उर्फ चार्ल्स सोभराज अपनी प्रेमिका मोनिक से कहता है, ‘पैसा आता है, पैसा जाता है. बस तुम्हें यह पता होना चाहिए कि उसे खोजना कहां हैं.’ अपनी सांप-निगाहों और दम साधी सांसों के साथ वह हर दृश्य में पैसे के लिए शिकार को तलाशते नजर आता है. उसके किरदार की ठंडक डरावनी है. उसके चेहरे की क्रूरता बर्फीली सतह के नीचे छुपी मालूम पड़ती है. उसके भावों का उतार-चढ़ाव नहीं दिखता मगर वह किसी भी पल झपट्टा मार कर जानलेवा साबित हो सकता है. यह देखने योग्य सीरीज है. जिसमें आपको खास तौर पर 1970 के दशक की दुनिया नजर आएगी.

चार्ल्स सोभराज बीते साठ-पैंसठ बरसों में विश्व-अपराध की दुनिया के सबसे चर्चित नामों में शुमार रहा है. उसके अपराध तो कई गिनाए गए लेकिन साबित कम ही किए जा सके. इनमें लूट, ठगी, चार सौ बीसी से लेकर एक दर्जन से ज्यादा हत्याएं शामिल हैं. फ्रांस के नागरिक चार्ल्स ने पेरिस, बैंकॉक (थाईलैंड) और नेपाल में ज्यादातर अपराधों को अंजाम दिया. वह जाली पासपोर्टों पर अमेरिका-यूरोप समेत पूरी दुनिया में घूमा. भारत में वह कश्मीर, दिल्ली, मुंबई, वाराणसी, कोलकाता और गोवा में देखा गया. लेकिन जिन अपराधों के लिए उसे बदनाम होना चाहिए, उनसे उसे शोहरत मिली. हमारे यहां वह अपने भारतीय कनेक्शन की वजह से खूब लोकप्रिय हुआ. सोभराज के पिता एक भारतीय, सिंधी व्यापारी थे. जिन्होंने वियतनाम में एक स्थानीय युवती से विवाह किया. फिर तलाक लिया.

The Serpent Review: चार्ल्स नहीं था डॉन, लेकिन दुनिया के सारे मुल्कों की पुलिस थी उसके पीछे, देखिए सचाई

द सरपेंट सोभराज के जीवन के साथ अपराध करने के अंदाज को सामने लाती है. उसे यहां आप मुख्यतः दो चीजों के लिए अपराध करते देखते हैं. पहला पैसा और दूसरा पासपोर्ट. बैंकॉक में रहते हुए अलेन (तहार रहीम) मारने वालों के पासपोर्ट पर अपनी, गर्लफ्रेंड मोनिक (जेना कोलमैन) और दोस्त अजय (अमीश एडिरेवेरा) की तस्वीरें लगा कर, दूसरों की पहचान पर दुनिया भर में घूमता है. वह 1970 के दशक में चली हिप्पी लहर से प्रभावित युवा-पर्यटकों का शिकार करता है. उन्हें बैंकॉक के होटलों के बजाय अपने अपार्टमेंट में रहने के लिए बुलाता है. नशे में डुबाता है. बीमार कर देता है. फिर लूटता है. उनकी हत्याएं भी कराता/करता है. वह उन अपराधियों से अलग है जो मौका-ए-वारदात पर निशान या सुबूत छोड़ते हैं. लेकिन अपराध के हमेशा कई सिरे होते हैं और हॉलैंड के जिन दो युवाओं की अलेन हत्या करता है, उनके परिजन बैंकॉक स्थित अपने दूतावास को चिट्ठी लिखते हैं. उनके बच्चे गायब हैं. दूतावास का जूनियर अधिकारी निप्पनबर्ग (बिली हॉवेल) सक्रिय होता है और उसे जल्द ही पता लगता है कि इन डच नागरिकों को किसी ने जिंदा जला दिया है. इस तरह अलेन उर्फ चार्ल्स सोभराज की तरफ कानून का फंदा बढ़ना शुरू होता है. इसके आगे की कहानी लंबी है.

The Serpent Review: चार्ल्स नहीं था डॉन, लेकिन दुनिया के सारे मुल्कों की पुलिस थी उसके पीछे, देखिए सचाई

द सरपेंट सोभराज के अपराध की परतों, उसकी चालाकियों, उसकी ठंडी क्रूरता, लोगों को फंसाने और सुबूत छोड़े बगैर फरार होने को दिखाती है. दुनिया के तमाम मुल्कों की पुलिस उसके पीछे है और चार्ल्स कहता है, ‘इससे फर्क नहीं पड़ता कि वे पकड़ने में कितने अच्छे हैं. फरार होने के मामले में मैं हमेशा उनसे आगे रहूंगा.’ उसकी रफ्तार उसके किरदार को ग्लैमर प्रदान करती है. वेबसीरीज की लगभग एक-एक घंटे की आठ कड़ियां दर्शक को बांधे रहती है. सीरीज के संवाद मुख्यतः अंग्रेजी और फ्रेंच में हैं मगर इसे हिंदी में भी देखा जा सकता है. यहां कहानी सांप की तरह लहराती हुई, सरपट फिसलती है और देखने वाले को सोचने का मौका नहीं देती. सोभराज के साथ उसकी प्रेमिका मोनिक लगातार बनी रहती है. कहानी यह भी बताती है कि चार्ल्स किसी का सगा नहीं.

The Serpent Review: चार्ल्स नहीं था डॉन, लेकिन दुनिया के सारे मुल्कों की पुलिस थी उसके पीछे, देखिए सचाई

नेपाल पुलिस के हाथों से फिसलना, भारत के एक पांच सितारा होटल में गहनों की बड़ी लूट में गिरफ्तार होने के बाद जेल से भागना और फ्रेंच पुलिस को चकमा देना, सोभराज की जिंदगी की बड़ी फरारियां हैं. भारत में दूसरी बार गिरफ्तार होने के बाद सोभराज लंबी सजा काट कर निकलता है और कुछ साल बाहर रह कर नेपाल पहुंच जाता है. ताकि पकड़ लिया जाए. सोभराज का यह ड्रामा आज तक किसी के समझ नहीं आया कि उसने ऐसा क्यों किया. पूरे जीवन चार्ल्स को गिरफ्तार कराने और सजा दिलाने के लिए उसके विरुद्ध केस तैयार करने और उसके अपराधों की कड़ियां जोड़ने वाले निप्पनबर्ग के अनुसार, ‘चार्ल्स को जिंदगी में दो बातें बहुत पसंद हैं. पहली बदनामी और दूसरा फरार होना.’ मगर अति आत्मविश्वास से भरा सोभराज नेपाल की जेल से अभी तक फरार होने का रास्ता नहीं ढूंढ पाया है. वहां उसे उम्रकैद की सजा मिली है और अब वह 80 बरस के आस-पास है.

The Serpent Review: चार्ल्स नहीं था डॉन, लेकिन दुनिया के सारे मुल्कों की पुलिस थी उसके पीछे, देखिए सचाई

अगर आपने 2015 में आई रणदीप हुड्डा स्टारर फिल्म मैं और चार्ल्स देखी हो तो भी इसे जरूर देखें. आप जान पाएंगे कि बॉलीवुड और विदेशी फिल्मकारों की समझ के बीच कितना फासला है. इस सीरीज के अधिकतर अभिनेता फ्रेंच हैं. चार्ल्स सोभराज की भूमिका निभाने वाले तहार रहीम बेमिसाल हैं और मोनिक बनी जेना कोलमैन अपने अभिनय के लिए याद रह जाती हैं. अन्य कलाकार अपनी भूमिकाओं में फिट हैं. लेखकों-निर्देशकों ने कहानी को कहीं ढीला नहीं पड़ने दिया. सीरीज को तमाम अंतरराष्ट्रीय लोकेशनों पर फिल्माया गया है. यही वजह है कि द सरपेंट में चार्ल्स सोभराज के साथ आप भी दुनिया की सैर कर लेते हैं. बगैर पासपोर्ट-वीजा के.

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