बॉलीवुड में कई ऐसी शाख्सियत है जिनकी आपने कई किस्से सुने होगे. लेकिन इस स्टोरी में ऐसी शख्सियत की कुछ रोचक कहानियां हैं. जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. सबसे पहले बार करते है फिल्म राफू चक्कर की जिसमें ऋषि कपूर का ड्रैग अवतार दर्खकों को देखने को मिला था.


फिल्म राफू चक्कर


1970 के दशक में एक माचो-हीरो की छवि को चुनौती देते हुए फिल्म रफू चक्कर में ऋषि कपूर थे. ये अवतार दर्शको को तो याद ही होगा. ऋषि कपूर ने लगभग 70% फिल्म में लड़की के रूप में कपड़े पहने थे. अब यहां एक मजेदार किस्सा है ये है कि कश्मीर में एक सीन की शूटिंग के दौरान ऋषि कपूर को वाशरूम जाना था. वो पूरे वेशभूषा में थे और एक महिला के रूप में कपड़े पहने हुए जेंट्स के वॉशरूम में गए थे और उसकी भौंहें चढी होंई थी, लेकिन साथ ही साथ वो लेडीज रूम का इस्तेमाल भी नहीं कर सकते थे.



फिर उन्होंने जेंट्स वॉशरूम में जाने का फैसला किया. वहां उन्होंने दो विदेशियों को चौंका दिया, जो अपनी शर्मिंदगी और उलझन में बाहर भाग गए. कुछ घंटों के बाद विदेशी लोग उस महिला यानि की ऋषि कपूर की तलाश कर रहे थे जो पुरुष वॉशरूम में थे. उनके सदमे की कल्पना करें जब उन्हें आखिरकार ऋषि कपूर को शूटिंग करते दिखाई दिए. उसके बाद उनको पता चला वो एक प्रसिद्ध फिल्म स्टार है.


फिल्म गुलाम


आमिर खान ऐसे कलाकार है, जो दूसरे अभिनेताओं से अलग करते हैं. उन्होंने साबित कर दिया है कि, बॉलीवुज में फिल्मों के काफी लगाव रहता है. ऐसी ही एक भूमिका गुलाम से सिद्धार्थ मराठे की है. कभी ना भूलने वाली बात, ट्रेन का दृश्य बॉलीवुड के सबसे चर्चित दृश्यों में से एक रहा है और जब फिल्म पहली बार रिलीज हुई थी, तो इस सीन ने काफी चर्चा बटौरी थीं. लेकिन हम में से बहुत कम लोग इसके पीछे की असली कहानी जानते हैं.



परफेक्शनिस्ट होने के नाते वो आमिर से ज़ोर देकर कहते हैं कि वो एक स्टंटमैन का इस्तेमाल नहीं करेंगे, बल्कि खुद इस सीन को करेंगे. इससे विक्रम भट्ट को आश्चर्य हुआ जो शुरू में पूरी तरह से इसके खिलाफ थे, लेकिन आमिर उन्हें समझाने में कामयाब रहे. कैमरा लुढ़क रहा था, ट्रेन हेडलाइट ऑन कर चुकी थी और आमिर की तरफ चिलने लगी थी. हालांकि आमिर ने जो उम्मीद की थी, उससे कहीं ज्यादा तेजी से आ रही थी ट्रेन. रानी मुखर्जी, दीपक तिजोरी, विक्रम भट्ट और बाकी यूनिट चुपचाप एक्ट देख रही थी. आमिर ने डेयरडेविल एक्ट को तवे से उतार दिया और केवल एक सेकंड में ट्रेन से चूक गए.


फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस


बॉलीवुड के मुन्ना भाई संजय दत्त राजू हिरानी की पहली फिल्म मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस. के साथ काम करने के लिए तैयार थे. कई चर्चाओं और अनिल कपूर और विवेक ओबेरॉय जैसे अभिनेताओं पर विचार करने के बाद वो अंत में मुन्ना की भूमिका के लिए शाहरुख खान पर सहमत हो गए थे. शाहरुख खान और ऐश्वर्या राय फिल्म की मुख्य जोड़ी की भूमिका निभाने वाले थे. विनोद जहीर की भूमिका के लिए संजय दत्त को चुनने के लिए काफी उत्सुक थे, जिसके बाद उस रोल को जिमी शेरगिल ने निभाया था.



संजय दत्त को जब ये पता चला कि वो मुख्य भुमिका निभा रहे है तो संजय दत्त ने विधु विनोद चोपड़ा के साथ अपनी दोस्ती के लिए स्क्रिप्ट को बिना पढ़े इसे स्वीकार कर लिया था. वो कहते है ना जो किस्मत में लिखा होता है वो आपके साथ होना ही है. आपको बता दें, शाहरुख खान ने इस रोल को निभाने के लिए अस्वीकार कर दिया था. विधु विनोद चोपड़ा संजय दत्त कि एक फिल्म में एक छोटी सी भूमिका निभाने से काफी प्रभावित थे. आपको बता दे यह पहली और आखिरी बार था जब संजय दत्त ने अपने पिता के साथ एक फिल्म में एक साथ काम किया. यह घटना संजय दत्त के जीवन का एक ऐसा मोड़ था जिसको बाद में उनकी बायोपिक 'संजू' में शामिल किया गया था.