Kishore Kumar Rap: बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार किशोर कुमार हिंदी सिनेमा के महान हस्तियों में से एक हैं. उनका जन्म मध्य प्रदेश के खंडवा में 4 अगस्त 1929 को हुआ था. निधन 13 अक्टूबर 1987 को हुआ. किशोर कुमार का स्वभाव बेखौफ वाला था. उन्हें जिंदगी की जरा सी भी चिंता नहीं रहती थी. अगर मूड सही है तो पल भर में गाने रिकॉर्ड कर देते थे. अपनी इस स्टोरी में हम आपको उनसे जुड़ा वो किस्सा बताने जा रहे है जिसे जानकार आप हैरान हो जाएंगे. हालांकि रैप शब्द का प्रचलन बॉलीवुड में बाबा सहगल ने किया था. लेकिन हमारे पुराने गीतकारों और संगीतकारों अपने दौर में कुछ ऐसे गानों की रचना कि जिन्हें आज के रैपर बिल्कुल भी नहीं गा पाएंगे.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो बॉलीवुड में सबसे पहला रैप किशोर दा ने दी गाया था. साल 1964 में देव आनंद की फिल्म टैक्सी ड्राइवर में एक गाना था ‘चाहे कोई खुश हो’ इस गाने में चंद सेकेंड का एक रैप गाया गया है. इस रैप की सबसे खास बात ये है कि ये कोरस में है. बॉलीवुड में एक ऐसे भी सिंगर हैं जो एक दिन में 28 गाना गाने का रिकोर्ड दर्ज कर चुके हैं. साल 1969 में आई फिल्म नवरंग में भी आपको रैप सुनने को मिल जाएगा.
साल 1976 में राजेश खन्ना की फिल्म 'महबूबा' से जुड़ा एक किस्सा है. फिल्म महबूबा का सुपरहिट गाना 'मेरे नैना सावन भादो' को किशोर कुमार ने अपनी अवाज दी थी. लेकिन क्या आपको पता है इस फिल्म के सुपरहिट गाने को पहले मुहम्मद रफी गाने वाले थे, लेकिन फिल्म के सुपरस्टार राजेश खन्ना के मन में ये था कि ये गाना मुहम्मद रफी न गाकर किशोर दा गाए और फिर ऐसा ही हुआ.
अंतिम दिन गिन रहीं Madhubala को Kishore Kumar ने छोड़ दिया था अकेले, आखिरी पलों में झेला था बेहद दर्द