कादर खान का नाम लेते ही कुछ याद आता है तो वो है उनकी वो अथाह हास्य बातें जो आज भी भूले नहीं भूलतीं. एक बेहतरीन कॉमेडियन, जिन्होंने अपने करियर में अभिनय के न जाने कितने ही रस दिखाए लेकिन उनका जो रस सबसे ज्यादा लोगो को भाया वो था हास्य रस. कहते हैं हंसाना सबसे बड़ा पुण्य है और कादर खान ने आजीवन वो पुण्य कमाया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडस्ट्री के टॉप कॉमेडियन रहे कादर खान कितने गंभीर स्क्रिप्ट राइटर भी थे और अगर आज अमिताभ बच्चन इतने बड़े सुपरस्टार हैं तो वो कादर खान की लेखनी की ही बदौलत हैं.


सत्ते पे सत्ता से लेकर जंजीर तक अमिताभ बच्चन जिन डायलॉग्स के बलबूते दुनियाभर में मशहूर हुए उन्हें कादर खान ने ही लिखा था. आज हम अमिताभ बच्चन के वे पांच डायलॉग्स आपको बता रहे हैं जो कादर खान की कलम से निकले और क्या खूब निकले.


अमिताभ बच्चन के 5 सुपरहिट डायलॉग्स


 'बचपन से सर पर अल्लाह का हाथ और अल्लाह रक्खा है अपने साथ, बाजू पर 786 का है बिल्ला, 20 नंबर की बीड़ी पीता हूं और नाम है इक़बाल.'


(कुली फिल्म का ये डायलॉग अमिताभ बच्चन ने जब बोला तो सिनेमाघरों में खूब तालिया बजी थीं और इसे कादर खान ने ही लिखा था)


'आप हैं किस मर्ज़ की दवा, घर में बैठे रहते हैं, ये शेर मारना मेरा काम है? कोई मवाली स्मग्लर हो तो मारूं मैं शेर क्यों मारूं, मैं तो खिसक रहा हूं और आप में चमत्कार नहीं है तो आप भी खिसक लो.'


(मिस्टर नटवरलाल में अमिताभ बच्चन भगवान से बतिया रहे थे तब उन्होंने कुछ इसी अंदाज में भगवान से बात की थी.)


'दारू पीता नहीं है अपुन, क्योंकि मालूम है दारू पीने से लीवर खराब हो जाता है.'


(कादर खान ने सत्ते पे सत्ता फिल्म का ये डायलॉग लिखा था और आज भी ये सुपरहिट डायलॉग में गिना जाता है.)


'विजय दीनानाथ चौहान, पूरा नाम, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम सुहासिनी चौहान, गांव मांडवा, उम्र 36 साल 9 महीना 8 दिन और ये सोलहवां घंटा चालू है.'


(अग्निपथ फिल्म भले ही फ्लॉप हुई हो लेकिन कादर खान की कलम ने इसके डायलॉग्स को जरूर हिट किया था.)


हम जहां खड़े होते हैं लाइन वहीं से शुरू होती है.


(अमिताभ बच्चन सुपरहिट फिल्म कालिया का ये सुपरहिट डायलॉग आज भी गाहे बगाहे लोग बोल ही देते हैं.)


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