लोक गीत वो हैं जो हमारी संस्कृति और हमारी परंपराओं से हमारा परिचय कराते हैं. लोक गीतों का महत्व आज के दौर में और भी बढ़ जाता है. जब हम अपनी उन्हीं परंपराओं से दूर हो रहे हैं. लेकिन आज की पीढ़ी पुरानी चीज़ों को पुराने अंदाज में देखना और सुनना पसंद नहीं करती. यही कारण है कि अब लोक गीतों को नए कलेवर से सजा कर पेश किया जा रहा है, और इसका श्रेय नेहा भसीन (Neha Bhasin) जैसे गायकों और कलाकारों को दिया जा सकता है. उन्होंने लोक गीतों को एक नया आयाम दिया है. खासतौर से पंजाब के पारंपरिक गीतों को. अगर यकीन न हो तो इस गाने को सुन लीजिए.
क्या कभी सोचा जा सकता है कि पंजाब के इस गीत को इस तरह भी पेश किया जा सकता है. बेहद ही यूनिक अंदाज में ये गाना नेहा ने लोगों के सामने रखा. ऐसा ही कुछ नेहा ने इस पारंपरिक गीत के साथ भी किया. ये गीत आज भी पंजाब में होने वाली शादियों में महिलाएं गाती हैं और नेहा ने इसे अपने स्टाइल से खास बना दिया जो आज वेडिंग एल्बम में विदाई का फेवरेट सॉन्ग बन चुका है.
क्या आपने अख काशनी जैसे पंजाबी लोक गीत का ऐसा रूप पहले कभी सोचा या देखा होगा. नेहा भसीन ने जिस अदाज से इस गाने को पेश किया तो लोग अब इन्हें सुनकर बोर नहीं होते.
चिट्टा कुकड़ बनेरे ते, काशनी दुपट्टे वालीये, मुंडा सदके तेरे ते….पंजाबी शादी हो और ये गाना न बजे ऐसा तो हो ही नहीं सकता. और ऐसे में नेहा भसीन का ये गाना हो तो फिर समां ही बंध जाता है.
अब इस गाने के बारे में हम क्या कहें. ये हर किसी का फेवरेट है क्योंकि नेहा ने इस पारंपरिक गीत को और भी खास बनाया है. अपने स्टाइल में इस गाने को पेश करके.
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