Earth Day 2021: शाकाहारी बनने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करती हैं मानुषी छिल्लर, अर्थ डे पर बताई इसकी महत्ता
Earth Day 2021: बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रही मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर इस चीज को हाईलाइट करते हुए अर्थ डे मना रही हैं कि शाकाहारी होना पृथ्वी को सकारात्मक ढंग से किस तरह प्रभावित करता है. जानिए
बॉलीवुड में अपना डेब्यू करने जा रही अलौकिक सुंदरी मानुषी छिल्लर इस चीज को हाईलाइट करते हुए अर्थ डे मना रही हैं कि शाकाहारी होना पृथ्वी को सकारात्मक ढंग से किस तरह प्रभावित करता है.
‘पृथ्वीराज’ की इस एक्ट्रेस को पीपुल्स फॉर द इथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल्स (पेटा) इंडिया ने लोगों को रोकने के लिए प्रोत्साहित किया है. मानुषी के साथ पेटा एक राष्ट्रीय अभियान चला रहा है, जिसके तहत शाकाहार का संदेश घर-घर पहुंचाने के लिए उनको फूल गोभी, शतावरी और टमाटरों से बना एक मुकुट पहने दिखाया गया है.
प्रियंका चोपड़ा द्वारा मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने के 17 वर्षों बाद भारत के लिए यही कारनामा दोहराने वाली मानुषी का कहना है, “शाकाहारी बने रहना मेरा निजी फैसला था, जो मैंने बरसों पहले किया था. मैं इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहती थी कि यह मेरी समग्र फिटनेस को कैसे प्रभावित करता है.''
वह आगे कहती हैं, “खान-पान व्यक्तिगत पसंद की चीज है और हमें वही खाना चाहिए जो हमको सबसे बेहतर लगता है. लेकिन मैं और पेटा के मेरे साथी सबको इस बात के लिए उत्साहित और प्रेरित करते हैं कि कम से कम अर्थ डे के दिन मांसाहार से दूर रहने की कोशिश की जाए! अगर लोग हमेशा के लिए मांसाहार छोड़ सकें, तो यह सोने पर सुहागा जैसी बात होगी.“
यूनाइटेड नेशन के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक पशु खेती– प्रजनन, पालन-पोषण और खाने के लिए पशुओं की कटाई- का वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में लगभग 14.5% योगदान होता है. कुछ अनुमानों के अनुसार उत्सर्जन का यह प्रतिशत पूरी दुनिया की परिवहन प्रणाली द्वारा किए गए कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से भी अधिक है.
इससे भयंकर स्थिति और क्या हो सकती है कि पशुओं की खेती करने में पूरे विश्व के पेयजल का एक तिहाई पानी तथा चारा उगाने के लिए दुनिया भर की कृषि योग्य भूमि का एक तिहाई रकबा खप जाता है. हर महाद्वीप पहले ही भीषण जल-संकट का सामना कर रहा है. लगभग 200 करोड़ लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने वाले देशों में निवास करते हैं, तथा पूरी दुनिया में तकरीबन सत्तर करोड़ लोग भूखे ही सो जाते हैं.
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