5500 रुपए लेकर सपना पूरा करने मुंबई आए थे सोनू सूद, एक्टर बनने के लिए दी थी 400 रुपए की रिश्वत
सोनू सूद ने रियलिटी शो इंडियाज बेस्ट डांसर में काफी धमाकेदार एंट्री के साथ जमकर मस्ती की और साथ ही अपने फिल्मी सफर के बारे में राज खोलते हुए नजर आए.
एक ऐसा एक्टर, एक ऐसा स्टार और एक ऐसा नेशनल हीरो जो इस रियल वर्ल्ड में हर इंसान को उनसे इंस्पिरेशन लेनी चाहिए जिसका नाम है सोनू सूद. सोनी टीवी का शो इंडियाज बेस्ट डांसर में सोनू सूद की काफी धमाकेदार एंट्री हुई. जिसमें सोनू सूद ने जमकर मस्ती की और अपनी रियल लाइफ के बारे में कई राज को खोलते हुए नज़र आए. आपको बता दें कि स्पेशल गेस्ट बनकर सोनू सूद आए थे. कोरोना काल में गरीबों के मसीहा बने सोनू सूद को मजदूरों ने कई संदेश भेजे.
शो के दौरान कोरोना काल में जिस तरह से लोग काफी परेशान हुए थे और प्रवासी मजदूर अपने शहरों से घर नहीं पहुंच पा रहे थे उस समय को याद करके सोनू सूद को बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था. वहीं सोनू सूद ने शो में अपने से जुड़े कई राज भी खुले. जब सोनू सूद से पूछा गया कि आप कैसे पंजाब से आए आप प्लीज हमारे साथ उन सभी बातों को शेयर करें, सोनू सूद कहते है कि, ‘जब मैं अपनी इंजीनियर की पढ़ाई खत्म करके अपने परिवार वालों के पास गया तो मेरी हमेशा मुंबई आने की चाहत थी. जब मैंने अपने परिवार वालों को बोला मैं मुंबई जाना चाहता हूं तो मुझे लगा मेरे परिवार वाले बोलेंगे की मैं इकलौता लड़का हूं तो यही रोको और अपना फैमली बिजनेस संभालो.
सोनू सूद आगे कहते हैं कि, जब मैंने कहा मैं मुंबई में जा कर अपना नाम कमाना चाहता हूं तो मेरी मां ने मुझे बोला मुंबई जाओं और अपने सारे सपने पूरे करो. सोनू सूद ने कहा कि मुझे याद है जब मैं पहली बार मुबंई में आया तो मेरी जेब में सिर्फ 5,500 रुपय थे जब मैं मुंबई आया था. मैंने कभी भी अपने घर से पैसे नहीं मांगे और मैं घर से 1 साल का समय लेकर आया था. लेकिन 1 साल कब बीत गया ये मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला. मुझे अभी भी याद है जब मैं फिल्म सिटी में पहली बार जब गया था तो मैंने 400 रुपय की रिश्वत देकर अंदर गया था क्योंकि मुझे गेट पर ही रोक दिया गया था.
सोनू सूद आगे कहते है कि, मेरा ये मानना था कि जब मैं फिल्म सिटी में जाऊगा तो कोई ना कोई डायरेक्टर और प्रोड्यूसर मुझे बुलाएगा और बोलेगा की मैं तुझे अपनी फिल्म में लेना चाहता हूं जैसा पहले हुआ करता था. लेकिन वो कभी नहीं हुआ. मैंने तीन साल हजोरों ऑडिशन दिए है और एक भी ऑडिशन में मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ था. मुझे हमेशा ये लगता था मेरे अंदर कोई कमी तो नहीं है, लेकिन मैंने ऐसा नहीं सोचा और मैंने ये सोचा मेरे अंदर नहीं उन लोगो में कमी है जो मुझे नहीं लेते. सोनू सूद ने आखिर में कहा हुनर तो सभी में होता है किसी का छिप जाता है और किसी का छप जाता है.