बॉलीवुड में कई सितारों ने अपने टैलेंट के दम पर जगह बनाई है. इसमें 80-90 के दशक के बीच जगह बनाने वाली एक्ट्रेस सुधा चंद्रन का भी नाम शामिल है. 1984 में उनकी पहली फिल्म मयूरी तेलुगू भाषा में रिलीज हुई थी जिसका बाद में हिंदी में रीमेक बनाया गया जिसका नाम 'नाचे मयूरी' था.यह फिल्म सुधा की पर्सनल लाइफ से ही प्रेरित थी. दरअसल, सुधा की पर्सनल लाइफ काफी उतार-चढ़ाव भरी रही थी.
1981 में 16 साल की उम्र में सुधा के साथ ऐसा हादसा हुआ था जिसने उनकी ज़िंदगी बदल दी थी. दरअसल, एक बस में सफर करते समय सुधा को गंभीर चोट लग गई थी क्योंकि उस बस का एक्सीडेंट हो गया था. इस हादसे में सुधा के एक पैर में चोट लगी जिसमें बाद में गैंगरीन हो गया और इस वजह से उनका एक पैर काटना पड़ गया. इसके बाद सुधा की ज़िंदगी का सबसे कठिन दौर शुरू हुआ क्योंकि सुधा एक बेहतरीन डांसर थीं और पैर कट जाने की वजह से वो दोबारा कभी डांस नहीं कर सकती थीं.
सुधा हार मानने को तैयार नहीं हुईं और नकली पैर के सहारे ही उन्होंने डांस करना शुरू किया. नकली पैर के साथ सुधा ने देश क्या विदेशों में भी अपने डांस परफॉरमेंस से जबरदस्त पहचान बनाई. सुधा ने कहीं किसी रोज़, क्योंकि सास भी कभी बहू थी, कैसी लागी लगन समेत कई हिट सीरियलों में भी काम किया है. सुधा ने 1994 में असिस्टेंट डायरेक्टर रवि डांग से शादी की थी. सुधा की लाइफ पर बनी मयूरी को 1985 में हुए नेशनल फिल्म अवॉर्ड में स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड से नवाजा गया था.