(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
लॉकडाउन में बढ़ीं सीरियल के सितारों, मजदूरों और तकनीशियनों की मुश्किलें
पिछले साल नवंबर में बंद हो चुके जी टीवी के शो के सितारों - जान खान, चाहत पांडे, रीवा चौधरी और कीर्ति चौधरी ने सालभर से पैमेंट नहीं मिलने का इल्जाम लगाया, डिप्रेशन से गुजर रहे मजदूरों और तकनीशियनों के सामने आयी खुदकुशी करने की नौबत
मुम्बई: पिछले साल जी टीवी पर मई में शुरू हुए और फिर 7 महीने यानि नवंबर, 2019 में बंद हुए शो 'हमारी बहू सिल्क' के 15 प्रमुख किरदारों और शो से जुड़े अन्य 25-30 अन्य लोगों का पेमेंट पिछले एक साल से अटका हुआ है. मगर शो के निर्माताओं - ज्योति गुप्ता, दिवयानी रेले और सुंधाशु त्रिपाठी के कानों में जूं तक नहीं रेंगे रही है. लॉकडाउन ने इन तमाम लोगों की मुश्किलों को बढ़ा दिया औए ऐसे में यह यह सभी किसी भी तरह से अपना बकाया पैसा चाहते ताकि लॉकडाउन के इस माहौल में उनकी मुसीबतें कम हों.
ऐसे में एबीपी न्यूज़ ने शो में मुख्य रोल निभानेवाले चार कलाकारों - जान खान, चाहत पांडे और रीवा से बकाया पैसों और लॉकडाउन की मुश्किलों पर बात की. जानिए चारों ने हमें क्या कुछ बताया.
जान खान: मैंने अप्रैल, 2019 में शो के लिए लीड के तौर पर काम करना शुरू किया था और शो मई में ऑनेयर गया था. 90 दिनों में पेमेंट के रूल के हिसाब से मुझे तीन महीने बाद 20 दिनों के काम के पैसे मिले थे. शो नवंबर में बंद हो गया, लेकिन मुझे बाकी छह महीने यानि मुझे 90% मेहनताना अभी तक नहीं मिला है. मुझे ही नहीं, मेरे साथ शो में काम करनेवाले बाकी तमाम कलाकारों, 2-4 दिन के लिए शो में काम करनेवाले जूनियर आर्टिस्ट्स, मेकअप मैन, हेयर ड्रेसर्स, कैमरामैन और तमाम डिपार्टमेंट के लोगों का पैसा बकाया है. शो के प्रमुख 15 कलाकारों का तकरीबन 1.20 करोड़ रुपये और 25-30 मजदूरों व टेक्नीशियनों का कुल 80 लाख रुपये यानि निर्माताओं पर दो करोड़ रुपये की देनदारी बनती है. फोन करने पर शो के निर्माता - ज्योति गुप्ता, देवयानी रेले और सुधांशु त्रिपाठी की तरफ से कभी कोई ठोस जवाब नहीं मिलता है. ज्योति गुप्ता ने हमें यहां तक कहा कि तुम लोगों को जो करना है करो. पिछले एक साल से अपने ही पैसे मांग-मांगकर शो के तमाम कलाकार और अन्य लोग परेशान हो चुके हैं.
लॉकडाउन के इस माहौल में और पैसे के अभाव इनमें से मजदूरों और तकनीशियनों के जेहन में अब खुदकुशी के ख्याल आने लगे हैं. अगर पैसे के लिए कोई ऐसा कदम उठा लेता है, तो किसी के साथ इससे बुरा किसी के साथ क्या हो सकता है? सात महीने में ही शो के नवंबर, 2019 में अचानक से बंद हो जाने के बाद हमें लगा कि चलो निर्माताओं को भी नुकसान उठाना पड़ा होगा, तो ऐसे में हम इंतजार करते गये, लेकिन पैसों के लिए मेरा और शो के लिए काम करनेवाले तमाम लोगों का इंतजार कभी न खत्म होनेवाला साबित हो रहा है. ये सब देखकर लगता है जैसे लोगों में इंसानियत बची ही नहीं है.
चाहत पांडे: हमारे पिछले शोज की पूरी सेविंग कब की खत्म हो गयी है. बिना आमदनी के एक साल तक मुम्बई जैसे शहर में सरवाइव करना बहुत मुश्किल है. इसीलिए मैं अब मध्य प्रदेश में दमोह स्थित अपने घर में वापस आ गयी हूं. शो के निर्माताओं की तरफ से हम कलाकारों को कुल मेहनताने का 40% पैसे देने का ऑफर था, मगर हमने ऑफर ठुकरा दिया. हमने 12 घंटे की बजाय 18-20 घंटे भी शो के लिए काम किया है. ऐसे में हम इतने कम पैसे में समझौता कैसे कर लेते? निर्मातों के बार बार हमें यह झूठ भी बोला की जी टीवी की तरफ से उन्हें पैसे नहीं मिले हैं, ऐसे में वो हमें पेमेंट नहीं कर सकते हैं. चैनल की तरफ से ज्यादातर पैसे निर्माताओं को दिये जा चुके हैं, लेकिन वो पैसा भी हम तक नहीं पहुंचा है.
मुम्बई में खाने-पीने का खर्च, घर का किराया, खुद को मेंटटेन करना कोई मामूली बात नहीं. पिछले एक साल से मैं जैसे-तैसे मैनेज कर रही थी, लेकिन लॉकडाउन ने सबकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ऐसे में अब हमें इन पैसों की सख्त जरूरत है. पैसों की तंगी की वजह से लोगों के दिमाग में आत्महत्या करने का ख्याल आना स्वाभाविक है. शो से जुड़े कई मजदूर और तकनीशियन खुदकुशी की बातें करने लगे हैं. अगर निर्माताओं ने ऐसे संजीदा वक्त में पैसे नहीं दिये तो बहुत देर हो जाएगी.
रीवा चौधरी: मैं मुम्बई में अपने भाई के घर में रहती हूं और मुझे हर महीने किराया चुकाने की जद्दोजहद से नहीं गुजरना पड़ रहा है और न ही मुझे बाकी कलाकारों की तरह मुम्बई छोड़कर वापस जाना पड़ा है. लेकिन मेरे साथ भी तमाम तरह के खर्चे जुड़े हुए हैं. लॉकडाउन है, सारे काम बंद हैं और पिछले सीरियल के पैसे के लिए भी हमें एक साल से स्ट्रगल कर रहे हैं. शो से जुड़े तमाम डेली वेज वर्कर्स, जूनियर आर्टिस्ट्स और तकनीशियन दाने-दाने को मोहताज हो गये हैं, मगर सीरियल के निर्माताओं के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है. उन्हें शो के लिए दिन-रात एक कर देनेवाले इन लोगों की तकलीफें दिखायी नहीं दे रहीं हैं. शो के तीनों निर्माताओं ने अपने हक के पैसे मांगनेवाले सभी को फोन पर ब्लॉक कर दिया है. मुझे नहीं पता था पहले ही सीरियल में काम करने का मेरा अनुभव इतना बुरा साबित होगा. मैं बस उम्मीद करती हूं कि आर्थिक तंगी से गुजर रहा कोई शख्स खुदकुशी न कर ले.
कीर्ति चौधरी: पिछले साल नवंबर में सीरियल बंद हो जाने के बाद किसी सीरियल में मुझे काम नहीं मिला. शो के ज्यादातर कलाकारों का यही हाल है. मैं एंकरिंग, इवेंट्स और मॉडलिंग कर जैसे तैसे खुद को संभाला. लेकिन लॉकडाउन के चलते मुझे मेरी मुसीबतें बेतहाशा बढ़ गयी. कोई बड़ा काम नहीं मिलने के चलते मैं अपने घरवालों से पैसे लेकर महीने का खर्च चला रही थी. मार्च महीने में मैं अपने घर इंदौर आ गयी क्योंकि मैं अपने घर का किराया भी नहीं दे पा रही थी. सोचिए जब हम एक्टर्स की यह हालत है तो सेट पर काम करनेवाले तमाम मजदूरों और तकनीशियन की क्या हालत होगी? उनके पास तो खाने-पीने की भी समस्या पैदा हो गयी है. लॉकडाउन के इस दौर में एक्टर से लेकर तमाम लोगों के सुइसाइड करने की खबरें आ रहीं हैं. ऐसे में अगर किसी ने खुदकुशी कर ली तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? चैनल या शो के प्रोड्यूसर्स?
TikTok पर भारतीय स्टार्स का जलवा, जानिए- किन टॉप 5 भारतीय टिकटॉकर्स ने मचा रखी है धूम
बेटियों के साथ खुशी का पल बिताने के बाद संजय मिश्रा बोले, 'हर साल होना चाहिए 21 दिन का लॉकडाउन'