Vinod Khanna: जब विनोद खन्ना को पिता ने कहा फिल्मों में गए तो गोली मार दूंगा, जानें कैसे बने हीरो
Vinod Khanna Life Facts: 1971 में फिल्म परवरिश में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के साथ पहली बार विनोद खन्ना को हीरो का रोल मिला.
Vinod Khanna Facts: विनोद खन्ना (Vinod Khanna) बेहतरीन एक्टर के तौर पर जाने जाते थे. उन्होंने कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया. एक बार विनोद अपने दोस्तों के साथ एक पार्टी में थे. इसी पार्टी में एक्टर-डायरेक्टर सुनील दत्त (Sunil Dutt) भी थे. उन्होंने विनोद को देखा तो काफी प्रभावित हुए. उन दिनों दत्त साहब अपने भाई सोम दत्त को हीरो लेकर एक फिल्म बना रहे थे. नाम था मेरे अपने. इसमें एक बागी युवक की भूमिका के लिए नौजवान की जरूरत थी.
विनोद का चेहरा, कद-काठी सब उस रोल के हिसाब से ही थे. दत्त साहब ने फिल्म ऑफर कर दी. विनोद ने अपने पिता किशनचंद से इजाजत मांगी तो पुराने ख्यालात वाले पिता ने साफ इंकार कर दिया. फिल्मों का धंधा गंदा है, फैमिली बिजनेस संभालो, अगर फिल्मों में गए तो गोली मार दूंगा. विनोद भी जिद्दी थे.
उन्होंने मां से बात की. मां ने पिता को समझाया और फिल्मों में तकदीर आजमाने के लिए दो साल की मोहलत मांगी. पिता मान गए. मेरे अपने में सोम दत्त के साथ सेकंड लीड लेकिन एंटी हीरो रोल में विनोद चुन लिए गए. बॉलीवुड को एक नया चेहरा मिल गया, जो गजब का खूबसूरत था और अदाकारी शानदार.
1967 से 1970 तक विनोद निगेटिव रोल ही करते रहे. 1971 में फिल्म परवरिश में अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के साथ पहली बार उन्हें हीरो का रोल मिला. इसके बाद उन्होंने मुड़ कर नहीं देखा. एक के बाद एक हिट फिल्मों ने विनोद को बड़ा स्टार बना दिया. 1986 से 1994 तक विनोद हाइएस्ट पेड एक्टर्स में से एक रहे.
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