अपराध जब नई शक्ल लेने लगे तो इसके पीछे किस्से-कहानियों का दौर शुरु हो जाता है. खास तौर पर अपराधों के अपनेआप में नायाब होने के साथ-साथ इसके पीछे राजनीति, पुलिस और प्रेस की जुगलबंदी को फिल्माने के लिए निर्देशक हमेशा लालायित रहते हैं. बीते कुछ वेब सीरीज जैसे- 'सेक्रेड गेम्स' और 'मिर्जापुर' में पुलिस और राजनीति का चोली-दामन का साथ नजर आया था, मगर एक खास तौर के अपराध की बात करें तो साइबर क्राइम उन अपराधों की श्रेणी में आता है, जो भारत में एक दम नया है. इससे निपटने के लिए भारत की सरकार गृह मंत्रालय के अधीन अक्टूबर, 2018 में 415.86 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे चुकी है. बहरहाल, नेटफ्लिक्स की नई वेब सीरीज 'जामताड़ा' साइबर क्राइम की एक्टिविटी से उपजी कहानियों और उसके जद्दोजहद के आरी-किनारी घूमती है.


हालांकि, अपराध की सच्ची घटना से प्रेरित वेब सीरीज की शैली को वैश्विक लोकप्रियता तक ले जाने में नेटफ्लिक्स बेहतर भूमिका निभाता आ रहा है. 'जामताड़ा' वास्तव में एक छोटे शहर के फैमिली ड्रामा की ही तरह है लेकिन अपराध की तरफ ज्यादा झुकाव होने की वजह इन दोनों विधा के बीच अंतर साफ नजर आता है. लेकिन अपने टाइटल के मुताबिक, 'जामताड़ा' उस शहर के ऊपर ज्यादा निर्भर है जहां साइबर क्राइम जैसे अपराध को अंजाम दिया जा रहा है.


मर्दाना समाज के गैरनैतिक आधार पर बने अपराध की दुनिया में एक महिला पुलिस अधिकारी को उस समाज में अपने आप को स्थापित करने की जद्दोजहद को इस वेब सीरीज की नयाब पहल नहीं मानी जा सकती, क्योंकि इस तरह की कहानी को अपना कर बॉलीवुड में 'तेजस्विनी' और 'मर्दानी' जैसी फिल्में बनाई जा चुकी हैं. फिर भी वेब सीरीज में महिला आईपीएस ऑफिसर 'डॉली साहू', जिसका संघर्ष देखना, एक दर्शक के तौर पर काफी अच्छा लगता है.



युवाओं के किरदारों में छोटे शहर के लड़कों की बेफिक्री को दिखाने के लिए 'जामताड़ा' की तारीफ करनी होगी, जो अपने आपको 'चौथी फेल' तो कहते हैं लेकिन शहर के सबसे अमीर इंसान बनने का सपना देखते हैं. स्कूल से ड्रॉपआउट्स लड़के जिनका शगल सड़कों पर जा रही लड़कियों को छेड़ना रहता है, इसके बावजूद भी वो अपनी मां की नजरों में सबसे अच्छे होते हैं. किरदारों में शिक्षा की कमी की तुलना उनकी इमैच्योरिटी से की जा सकती है क्योंकि ऐसी पीढ़ीयां अक्सर छोटे शहरों में नजर आ जाती हैं. इन किरदारों में 'रॉकी' और 'सनी' नाम के दो किरदार जिन्हें इस वेब सीरीज में एक दूसरे के भाई के तौर पर दिखाया गया है, मगर दोनों की दोस्ती और तल्खी बीच में कई ग्रे शेड्स नजर आते हैं.



वेब सीरीज में शहर में किया जा रहा अपराध का आधार पैसे कमाना के सीधा जुड़ा होता, जिसकी बू स्थानीय विधायक 'ब्रजेश भान' को लगती है, जो इस साइबर क्राइम की चकाचौंध में खुद को चमकाने की कोशिश करता जिसमें वह कुछ हद तक सफल भी होता पाता है, मगर असफलता की कसर उसे एक तकलीफ में ले जाती है. इससे निजात पाने के लिए 'ब्रजेश भान' कई तरह के हथकंडो को अपनाता है जिसका डेवलपमेंट और सनी के पैसे हथियाने की जालसाजी इस वेब सीरीज की कहानी का आधार बनती है.


वेब सीरीज के किरदारों में स्पर्श श्रीवास्तव अंशुमन, पुष्कर, मोनिका पंवार, अमित सियाल जैसे नाम शामिल हैं लेकिन कोई बड़ा नाम नहीं है. पुष्कर, जो खुद बिहार से हैं, सीरीज में 'रॉकी' की भूमिका निभाते हैं. यही वजह है कि जामताड़ा शहर से जुड़ी भाषाई लहजे को अच्छी तरह से निभा पाए हैं. कमोबेश, हर किरदारों ने स्थानीय एक्सेंट को संभाले रखा है, जिससे वेब सीरीज की कहानी जामताड़ा शहर की ही लगती है. वेब सीरीज की शूटिंग मुंबई से कुछ घंटे की दूर नासिक में की गई है. निर्देशक ने लोकेशन के चुनाव में एक बेहतर भूमिका निभाई है क्योंकि छोटा नागपुर के पठारों में बसे जामताड़ा शहर की स्थलाकृति को सतमाला की पहाड़ियों में निखार पाना आसान और सूझबूझ का काम है.



वेब सीरीज के स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स के लिहाज से फिल्मांकन काफी सरल और सहज नजर आता है. हालांकि, कहानी की पेचीदगी है कि ये क्राइम ड्रामा के आस-पास घूमती है, लेकिन इसके बावजूद वेब सीरीज में रोमांच में कमी नजर आती हैं, क्योंकि सीरीज के अंदर फिल्माए गए चंद सीन्स कुछ हद तक नाटकीय तत्व तो लाते हैं लेकिन कई सीन्स में आने होने वाले रोमांच का आभास पहले ही होने लगता है. आखिरी एपिसोड में सीरीज के रोमांच में नाटकीय स्तर बेहद प्रबल हो जाता है, जब सीरीज के नायक सनी को गोली लगती है. यह सीन्स शायद दर्शको सीरीज के दूसरे सीजन के इंतजार में बेसुध जरूर कर सकता है.


नेटफ्लिक्स को इस वक्त जामताड़ा जैसी वेब सीरीज की जरूरत थी, क्योंकि अगर आखिरी कुछ सीरिज की बात करें तो 'चॉपस्टिक', 'बार्ड ऑफ ब्लड', 'हाउस अरेस्ट' और 'घोस्ट स्टोरी' जैसी फ्लॉप सीरीज से उलट ओरिजनल वेब सीरीज 'जामताड़ा', इस प्लेटफॉर्म की दूसरे खास वेब सीरीज जैसे- 'डेल्ही क्राइम', 'टाइपराइटर' और 'सेक्रेड गेम्स' की लिस्ट में शामिल होने का माद्दा रखती है.


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